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अनु. विषय
पाना नं.
२० अनायी त्यागी मुनि हा स्व३५ २१ उपसंहार अध्ययन सभाप्ति
यतुर्थ अध्ययन
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પ૧
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ર૮.
७१ (૭૨
२२ प्रवयन संबंधी आप्तोपदेश २३ भगवत् शम्छा अर्थ तथा धट् छावनिहाय जास्व३५ २४ षट् छावनिहाय डेहंऽ परित्याग हा उपदेश
प्राशातिधाताहि पंयमप्रत सेवं रात्री लोन विरभारा २६ शिष्य हा महाव्रत स्वीकार २७ पृथ्विछायाहि षट्झाययतना छा स्व३प ज्थन
सयतना से हम इस प्राप्ति का ज्थन सेवं यतनावान छो
पापजन्धन न होने जा ऽथन ર૯ ज्ञान प्राप्ति हा उपाय ३० संयभज्ञ डा परियय उ१ पुश्य हा स्व३प मेवं छवों धर्भमन्ध स्व३प ज्थन
छोक्ष डा स्व३५ 33 पुयाटि ज्ञान से लोग हा विचार
लोग डे विचार से संयोगाधिका त्याग मेवं संवरधर्भ तथा
शुल घ्यान व लोस्व३५ छा ज्थन उप शैलेशीरा डा स्व३५ तथा अयोगी घ्यान जी सिद्धि और
जिद्धोंडे उर्ध्व स्व३धगभन छा ज्थन उ६ सुगति धर्म इस सि छोहुर्लभ सेवं डिस छो सुलभ है सहा ज्थन उ७ यारित्र छा महत्व सेवं अध्ययन छा उपसंहार
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भोग
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पांयवा अध्ययन
3८ पांयवा अध्ययन छी अवतरठिा 3८ मधान गवेषा ही विधि ४० गोयरी में वित्त डी स्थिरता छा उपदेश ४१ गोयरी गभन ही विधि ४२ विषभ भार्गसे पाने में संयम विराधना हा संभव
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શ્રી દશવૈકાલિક સૂત્ર : ૧