SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ० र ૧૯૬ २०४ २२८ २२ भ्यूद्वीप में हे गये हो यन्द्र हे यंद्रद्वीप ठा निरुपाया- १७० २३ धातहीजन्ऽ ओवं विद्वीप में उठे हुवे यन्द्र सूर्य ठा निरुपाया- १७६ Gवाशसभुद्र उद्वेध परिवृद्धि मेवं गोतीर्थ ठा निरुपाय- ૧૮પ Gवारासमुद्र संस्थान ठा निरुपाय ૧૮૯ धातडीजन्ऽ छा मेवं डालोधिसभुद्र ठा निरुपाया२७ पुष्टरद्वीप मेवं भनुष्यक्षेत्र छा निरुपायाभानुषोत्तर पर्वत ठा निरुपाया ૨૨૧ २८ भनुष्यक्षेत्रगत प्योतिष्ठव उपपात मेवं पुष्ठरोह समुद्र ठा निरुपाया३० वशवरद्वीप मेवं क्षीरोटाद्विीप ठा निरुपाया ૨૩પ क्षोटोटाद्विीप मेवं अशाहिद्वीपों हा निरुपाया ૨૪૧ भ्यूद्वीपाहिद्वीपों डे नाम निर्देश २६४ 33 मत्स्य रछपाठीर्श समुद्रों ही संज्या छा थन २६८ उ४ छन्द्रिय पुद्र परिरशाभ ठा सेवं हेव शठित ठा निरुपा- २७१ उप सूर्य यन्द्र डे परिवाराहिला ज्थन मेवं श्योतिष्ठटेव ही यारगति छा निरुपाया २७६ उ६ यन्द्राहिहेवों विमानों संस्थान आहिला ज्थनमेवं यन्द्राटि विमानवाह हेवों ही संज्या छा थन २८० उ७ यन्द्रसूर्याहिटी गति छा व भ्यूद्वीपस्थ तारारुप डे अन्तर आहिठा निरुपा ૨૯૧ यन्द्रविमानस्थ हेवों ही स्थिति ठा निरुपायवैभानिष्ठ हेवों हे विमानों डे स्थल तथा शाहिदेवों ही परिषटा आटिठा निरुपाया ૨૯૭ ४० उर्ध्वटो हेवों ठे विभानों ही स्थिति मेवं हेव विभान पृथिवी हे विस्ताराठिा थन ૩૧૦ अवधिक्षेत्र परिभा तथा सौधर्भ छशान आटिटेवों डेसषुधात सेवं विभूषा आहिता निरुपाया ૩૨૫ ४२ सर्व प्राशभूत माहिडे पूर्वोत्पत्ति ठा निरपरा उ३४ यतुथी प्रतिपत्ति ४३ पांय प्रष्ठार हे संसारी छवों हा निरुपाया 33८ उ८ ૨૯૫ ૩૯ જીવાભિગમસૂત્ર
SR No.006445
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 03 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages498
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy