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॥श्रीः
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॥अथ अन्तकृतघ्शांगसूत्र डी विषयानुष्ठभशिष्ठा ॥
शुभ विषय
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१ भंगलायरा २ पूर्वांग डे साथ छस अंगठे सम्वन्ध छा नि३पारा 3 यंपा नगरी छा वार्यान ४ सुधर्भास्वाभी छा यंपानगरी भ सभवरश ५ अभ्स्वाभी छा प्रश्न ६ सुधर्भास्वाभी छा उत्तर ७ भ्यूस्वाभी छा प्रश्न ८ द्वारावती का वर्शन ८ रैवत-पर्वत-आहिछा और दृष्या वासुदेव छा वार्यान १० गौतम छान्भाहिसे लेटर विवाहपर्यन्त छा वर्शन ११ गौतभ छी प्रवश्या १२ गौतभ ही सिद्धि-प्राप्ति १3 समुद्राहि-विशुपर्यन्त छो सिद्धिगति छी प्राप्ति १४ अक्षोभाठिा वर्शन १५ माशीयससेन ठा वर्शन १६ अनन्तसेनाहिठा और सारा छा वार्यान १७ छह मनगारों छा वर्शन १८ वष्ठी ठा भानसिष्ठ विचार और मर्ह अरिष्टनेभिडे
सभीप गभन १८ विष्ठी संशयनिवृति छे लिये उनठे प्रति भगवान छा
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શ્રી અન્તકૃત દશાંગ સૂત્ર