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तीसरा संज्ञिमहाय/भ शत:
८० नीललेश्यायुत कृतयुग्भ, कृतयुग्भ संज्ञिपश्चेन्द्रिय भावों उत्पत्ति छा ज्थन
यतुर्थ संज्ञिभहायुग्म शत
૨૧૬
८१ छापोतलेश्यावाले कृतयुग्म, कृतयुग्भ संज्ञिपश्येन्द्रिय
भावों उत्पत्ति छा ज्थन
२१८
पांयवां महायुग्म शत
८२ तेशेलेश्यावाले कृतयुग्भ, कृतयुग्म संज्ञिपश्येन्द्रिय भावों
उत्पत्ति हा ज्थन
૨૧૯
छठा महायुग्म शत
८3 पद्मतेश्यावाले इतयुग्भ, इतयुग्भ संज्ञिपश्येन्द्रिय छवों
उ उत्पत्ति का ज्थन
૨૨૦
सातवां संज्ञिमहायुग्म शत
८४ शुसासेश्यावाले कृतयुग्भ, इतयुग्म संज्ञिपश्येन्द्रिय भावों
उत्पत्ति छा ज्थन
૨૨૧
आठवां संज्ञियुग्भकृतयुग्भ शत
८५ भवसिद्धिाकृतयुग्म, कृतयुग्म संज्ञिपश्चेन्द्रिय छवों है
उत्पत्ति डा ज्थन
૨૨૩
नववां संज्ञिमहायुग्म शत
८६ Fसेश्यावाले भवसिद्धिकृतयुग्भ, कृतयुग्म
संज्ञिपश्येन्द्रिय छवों के उत्पत्ति हा ज्थन
૨૨૪
सवां संज्ञिमहायुग्म शत
८७ नीललेश्यावाले कृतयुग्भ, कृतयुग्भ संज्ञिपश्येन्द्रिय
छवों उत्पत्ति छा ज्थन
૨૨૫
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭