SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 19
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८१ लवसिद्धि मृतयुग्भ, कृतयुग्भ द्वीन्द्रिय भवों के जेवं अलवसिद्धिऽ कृतयुग्भ, इतयुग्भ द्वीन्द्रिय भुवों उत्पत्ति प्राथन सतीसवां त्रीन्द्रिय शत ८२ कृतयुग्भ, कृतयुग्भ त्रीन्द्रिय भुवों से उत्पत्ति का प्रथन ५ से १२ पर्यन्त द्वीन्द्रिय महायुग्भ शतकोंडा प्रथन अडतीसवां शत ८३ कृतयुग्भ, इतयुग्भ यतुरिन्द्रिय भुवों डे उत्पत्ति प्रा अथन ८४ इतयुग्भ, इतयुग्भ असंज्ञिय श्चेन्द्रिय भवों उत्पत्ति प्राथन ८६ ८ कृतयुग्भ, हृतयुग्भ संज्ञिपश्चेन्द्रिय भुवों से उत्पत्ति ST Sथन ८८ अन्तालीसवां शत દૂસરા ઉક્રમક प्रथमसमय डृतयुग्भ, कृतयुग्भ संज्ञिपश्चेन्द्रिय भुवों उन्नति प्राथन दूसरा पृष्ठालेश्य संज्ञिश्चेन्द्रिय महायुग शत ८७ पृष्ठालेश्यावाले कृतयुग्भ, कृतयुग्भ संज्ञिपश्चेन्द्रिय जाहि डे उत्पत्ति प्राथन ८८ यासीसवां शत प्रथम उद्देश શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭ प्रथमसमय डृतयुग्भ संज्ञिपश्चेन्द्रियों के उत्पत्ति ST Sथन अप्रथमसमय से लेडर यरमायरभ पर्यन्त शों प्राथन ૨૧૧ २०१ २०३ २०४ २०५ २०६ ૨૧૩ ૨૧૫ ૨૧૬
SR No.006431
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 17 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1972
Total Pages288
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy