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११ वें से १४ पर्यन्त संज्ञिमहायुभ शतष्ठ
૨૨૬
८८ भवसिद्धि सात शतष्ठों छा ज्थन
। पन्द्रहवां संज्ञिमहायुग्म शत
८८ अभवसिद्धितियुग्भ, कृतयुग्भ संज्ञिपश्येन्द्रिय
शवों उत्पत्ति छा ज्थन
૨૨૭
दूसरा देश
१०० प्रथभसभय अभवसिद्धितियुग्भ, इतयुग्भ
संज्ञिपश्येन्द्रिय छवों उ उत्पत्ति छा ज्थन
૨૨૯
सलहवां संज्ञिभहायुभ शत
१०१ Fष्लेश्यावाले समवसिद्धितियुग्भ, कृतयुग्भ
संज्ञिपश्वेन्द्रियों में उत्पत्ति छान्थन
२३०
१७ से २१ पर्यन्त डे महायुग्म शत
१०२ नील, हापोत आहिछह लेश्यायुत अभवसिद्धिों
उत्पत्ति आदि छा ज्थन
२३१
८१ वां शतां प्रथम
शा
१०3 राशियुग्भ छा नि३पारा
૨૩૪
टूसरा टेशा
१०४ राशियुग्भ त्र्यो नैरथिों उत्पाहा नि३पारा
२४०
२४०
तीसरा देशा
१०५ राशियुग्भ द्वापरयुग्भराशिवाले नैरथिों में उत्पाद
हा ज्थन
૨૪૨
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭