________________
७ राशिभ से महायुग्मों का नि३पा कृतयुग्भ, कृतयुग्भ खेडेन्द्रिय भव से उत्पत्ति जाहि प्रानिपा
4 अवशिष्ट पन्द्रह लेह मृतयुग्म त्र्यो जाहि डे उत्पत्ति सहि डा नि३पा
६०
૬૧
૬૨
૬૩
६४
૬૫
६६
६७
पैंतीसवें शत डा प्रथम श
७०
दूसरा श
प्रथमसमय डृतयुग्भ, कृतयुग्भ खेडेन्द्रिय भवों उत्पत्ति प्रा नि३पा
तीसरे देश से ११ पर्यन्त हे उशों डाउन
अप्रथम समयाहि कृतयुग्भ, इतयुग्भ येडेन्द्रियों उत्पत्ति जाहि प्रा प्रथन
जयरभसमय कृतयुग्भ, कृतयुग्भ येडेन्द्रियों से उत्पत्ति डा निपा
जयरभसमय कृतयुग्भ, कृतयुग्भ येडेन्द्रियों से उत्पत्ति निपा
प्रथमसमय प्रथमसमय कृतयुग्भ, कृतयुग्भ जेन्द्रिय उत्पत्ति डा नि३पा
प्रथमसप्रथभसमय कृतयुग्भ, कृतयुग्भ खेडेन्द्रिय उत्पत्ति का नि३पा प्रथमथरमसमय डृतयुग्भ, इतयुग्भ खेडेन्द्रिय भुवों ऐ उत्पत्ति प्रा नि३पए
प्रथमजयरमसभय कृतयुग्भ, मृतयुग्भ जेडेन्द्रिय भव उत्पत्ति का नि३पा
६८ यरभयरम, जेवं यरम जयरभसमय कृतयुग्भ, कृतयुग्भ येडेन्द्रिय भवडे उत्पत्ति प्रा नि३पा
दूसरा जेडेन्द्रिय महायुग्भशत
६८ पृष्ठालेश्यावाले कृतयुग्भ, कृतयुग्भ खेडेन्द्रिय भुवों ऐ उत्पति प्रा नि३पा
प्रथमसमय पृष्ठालेश्यावाले मृतयुग्भ, हृतयुग्भ भवों से उत्पत्ति प्रानिपा
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭
१७४
१८०
१८१
१८३
૧૬૧
૧૬૫
१७०
१७६
१७८
१७८
१८२
१८४
१८५
१८७