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४८ अपर्याप्तऽ सूक्ष्मपृथ्वीमाथि भुव डा लोड डे क्षि यरभान्तमें उत्पति आहि प्राथन
४८ वाहर पृथ्वीप्राय जाहि डे स्थान जाहि प्रा नि३पा
દૂસરા ઉદ્દેશક
जनन्तरोपपन्न येडेन्द्रियों से लेह जाहि डा नि३पा
तीसरा श
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49 परम्परोपपन्न जेडेन्द्रिय भुव के लेहों का निश्पा
ચોથે ઉદ્દેશક સે ૧૧ મેં પર્યન્ત કે ઉદ્દેશક કા કથન
अनन्तरावगाढ से जयरम पर्यन्त ऐ भवों से होंडा
પર
अथन
दूसरा डेन्द्रिय शत
43ालेश्यायु जेन्द्रियों के लेहो प्रा नि३पा
तीसरा, चौथा और पांयवां शत
५४ नील-डायोत जेवं शुललेश्यावाले जेडेन्द्रिय भवों ग्यारह उशात्भ शतकों द्वारा प्रथन
छठ्ठा येडेन्द्रिय शत
पालेश्यायुत् लवसिद्धि येडेन्द्रिय भवों ऐ
प्राथ
सातवें से १२ वें पर्यन्त डे खेडेन्द्रिय शत
६ नीलाहि लेश्यायुत् लवसिद्धि येडेन्द्रियों अशात् शत से नि३पा
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭
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