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२७ नाराहि भुवों ही उद्रर्तना प्रा नि३पए
जत्तीसवां शत का प्रथम श
२८ श्यावाले कृतयुग्भ नैरथिङ आहि È उशनों निर्देश पूर्व प्रथन
३०
दूसरे शS से २८ पर्यन्त डे (हेश डा प्रथन
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२८ जेन्द्रिय भुवों प्रा निरपरा
तेतीसवें शत डा प्रथम
दूसरा श
अनन्तरोपपन्न येडेन्द्रिय भुवों प्रा नि३पा
तीसरा उद्देश प्रथम अवान्तर शत
परंपरोपपन्न येडेन्द्रिय से जयरम पर्यन्त जेन्द्रियो का नि३पए
दूसरा जेडेन्द्रिय शतऽ
३२ शाहि लेश्यायुक्त खेडेन्द्रिय भुवों प्रा नि३पा
तीसरा येडेन्द्रिय शत
33 नीललेश्यायुक्त जेडेन्द्रिय भवों के उत्यति जाहि डा नि३पा
३४ प्रापोतलेश्यायुत् येडेन्द्रियों के उत्पति जाहि ऽथनयुत् यतुर्थ शत
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭
पांथवा खेडेन्द्रिय शत
34 नवसिद्धि जेडेन्द्रियों का नि३पा
७८
७५
७७
८४
८७
૮૧
૯૫
૯૫
૯૬