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१२ त्रीन्द्रिय भुवों के उत्पति आहि डा नि३पाए
उन्नीसवां शा
१३ यौर्धन्द्रिय भुवों डे उत्थात जाहि डा नि३पा
जीसवां शा
१४ पश्चेन्द्रिय तिर्यग्योनि भुवों के उत्पति आहि डा नि३पा १५ पश्चेन्द्रियतिर्यग्योनियों में उत्पन्न होनेवाले रत्नप्रभा पृथिवी नारों प्रत्याह आहि डा नि३पा १६ तिर्यग्योनियों में से खाएर पश्चेन्द्रियतिर्यग्योनिडों में उत्पन्न होनेवाले भुवों से उत्पाह जाहि डा नि३पा १७ संज्ञि पश्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिष्ठों से पश्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों से उत्पति प्रा नि३पा
१८ मनुष्यों से आएर पश्चेन्द्रियतिर्थयों मे उत्पति
निपा
१८ हेवगति से खाएर पश्चेन्द्रियतिर्यग्योनि में उत्पति प्रानिपा
२२
अठारवां शा
२० मनुष्यों उत्पत्ति प्रा नि३पा
२१
२३
सवां शा
जनताहि देवों से आएर मनुष्यगति में उत्पत्ति जाहि नि३पा
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૫
कासवां शा
वानव्यन्तरों प्री उत्पत्ति हि डा प्रथन
तेईसवां शा
भ्योतिष्णु देवों में उत्पन्न होनेवाले भुवों का नि३पा
७३
८३
૧૨૧
यस
૧
૬૩
६८
८८
૯૫
१०२
૧૧૨
૧૨૬