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६५ अन्तडिया (मोक्ष वियार) डा नि३पा उपपात प्रश्रएाडा नि३पा
६६
६७ जसंज्ञी भुवोंडी जायुडा नि३पा
तृतीय उद्देश प्रारंभ
६८ तृतीय उद्देश से विषयोंडा संक्षेपसे नि३पा ६८ अंक्षाभोहनीय मानि३पा
७०
भिनोहित सत्यत्वा प्रतिपाघ्न
७१ भगवद्वाज्य के श्रद्धापूर्वऽ आराधत्वा नि३पा अस्तित्व नास्तित्व साहिडा नि३पा
७२
७३ जहाहिगमनीया नि३पा
७४ अंक्षाभोनीयर्भ जन्धडे स्व३पडा नि३पा
७५ अंक्षाभोहनीय भ हीराहिडे स्व३पडा वन ७६ नारडीय भवों ांक्षाभोहनीय भने वेहनाहिडे
स्व३पडा नि३पा
७७ श्रमराडे विषय में डांक्षाभोहनीयर्भ वेघ्ना स्व३प
यतुर्थ शऽ प्रारंभ
७८ यतुर्थ उद्देश डी अवतरशि
७८ उर्भ प्रकृति स्व३पडा नि३पा
८०
८१
उपस्थानापद्रुभा (स्वीकार डरना और हटना) स्व३पडा नि३पा
वेन डिये जिना उससे मोक्ष (छुटकारा) नहीं
होने
८२
पुद्रत विचारा नि३पा
८३ स्थाहिोंडा सिद्धि प्रा
पांयवा उद्देश प्रारंभ
८४ पांयवा उद्देशा विषय थन
८५ नाराहि (२४) योस एडडोंडे जावासोंडा नि३पा २४ योर्धस प्रकार के हों में स्थितिस्थानमा नि३पा रत्नप्रभा में स्थितिस्थानमा नि३पा
८६
८७
८८ रत्नप्रभामें अवगाहना स्थाना निपा रत्नप्रभा पृथिवीमें स्थित नारडीय भुवोंडे शरीर जाहि नि३पा
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શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧
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