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________________ अनु. विषय ॥ अथ यतुर्थ उद्देश ॥ १ यतुर्थ श ा तृतीय हैश के साथ संजन्धऽथन, प्रथम गाथा डा अवतरा, गाथा और छाया । २ लगवान् अवभोहरिडा तप डरते थे और 5ली ली यिङित्सा (SITY) नहीं डरवाते थे । 3 दूसरी गाथा डा अवतरा, गाथा और छाया । ४ लगवान् ली ली रेयन और वमना औषध नहीं लिया और गात्राभ्यन, संवाहन और हन्तप्रक्षालन नहीं डिये । 4 तीसरी गाथा डा अवतरा, गाथा और छाया । ६ भगवान् शाहि विषयों से निवृत, अहिंस और अल्पभाषी होडर विरते थे और शीता में वृक्ष या लताभएडप डी छायामें जैठ डर धर्मध्यान ध्याते थे । ७ यौथी गाथा प्रा अवतरा, गाथा और छाया । ८ लगवान् ग्रीष्म ऋतु में सूर्यालिभुज टुडासन ( उड्डु खासन ) से जैठ पर सूर्यडी तापना लेते थे, और नीरस जोहन, जेरडा यूए, डुभाष आहि जाहि से शरीर निर्वाहरते थे । ← पाँयवीं गाथा डा अवतरा, गाथा और छाया । १० लगवान् न नीरस सोघ्नाहिडों प्रो सेवित डरते हुये आठ भास जिताये, डली सर्द्धमासि यतुर्विधाहारत्याग३प तथ प्रिया । ११ छठ्ठी गाथा प्रा अवतरा, गाथा और छाया । १२ 5ली ऽली लगवान् अढाई महीने त5, तो लीली छ महीने तS पानी ली नहीं लेते हुये योविहार तपस्या डी, और पारा डे हिनमें अन्न प्रान्त जोघ्नाहि से पारशा झिये । पाना नं. १३ सातवीं गाथाडा अवतरा, गाथा और छाया । १४ लगवान् संयमसमाधिडो हेजते हुने छ, अट्ठभ, दृशभ और द्वादृश तथा पारशा डरते थे । १५ आठवीं गाथाडा अवतरा, गाथा और छाया । શ્રી આચારાંગ સૂત્ર : ૩ ૩૨૫ ૩૨૫ ૩૨૬ ૩૨૬ ३२८ ३२८ ३२८ ३२८ ३२८ ३२८ ૩૨૯ ૩૨૮૯ ३२८ ૩૨૯ 330 ४७
SR No.006403
Book TitleAgam 01 Ang 01 Aacharang Sutra Part 03 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1957
Total Pages344
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_acharang
File Size11 MB
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