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________________ उस प्रारसे संयभाराधन डरे । १७ नवभ सूत्रा अवतरा और नवम सूत्र । १८ शस्त्र परसे पर है और सशस्त्र परसे पर नहीं है । १८ दृशभ सूत्रडा अवतरा और हशम सूत्र । २० लावशस्त्र परसे पर होता है, अर्थात् - भेोधर्शी होता है वह प्रभशः तिर्यग्वर्शी=निगोहलवसम्जन्धी हुः जोंडो हेजनेवाला होता है । २१ ग्यारहवें सूत्रा अवतरा और ग्यारहवां सूत्र । २२ पूर्वोस्त मेघावी भुनिझे याहिये डि डोधसे लेकर मोह त लावशस्त्रों का परित्याग डर धाि इलभूत गर्लहु: जाहिसे लेडर निगोहुःजपर्यन्त सभी हुः जोंडो टूर डरे - यह जात लगवान् तीर्थरने ही है । २३ जारहवें सूत्रा अवतरा और जारहवां सूत्र । २४ धाहिजे हूर डरनेवाला अपने पूर्वोपातिर्भोडा क्षपा रनेवाला होता है । २५ तेरहवें सूत्रा अवतरा और तेरहवां सूत्र । २६ पश्यो, अर्थात् - डेवली उपाधि, अर्थात्-द्रव्योपाधि लावोपाधि, अथवा-र्भनित नराहिलव होता है ड्या ?; पश्यो उपाधि नहीं है । उशसभाप्ति । ॥ इति तृतीयाध्ययनम् ॥ * ॥ अथ यतुर्थाध्ययनम् ॥ ॥ अथ प्रथमोहेशः ॥ १ तृतीय अध्ययनडे साथ यतुर्थ अध्ययना सम्जन्धप्रतिपाघ्न । શ્રી આચારાંગ સૂત્ર : ૨ २ प्रसङ्गतः सभ्यत्वा नि३पाए । 3 सभ्यत्व शहडी सिद्धि, सम्यङत्त्वा लक्षा, सभ्यत्त्व लक्षराडे विषय में वाहियों डी विप्रतिपत्तिा निरसन । ४ सभ्यत्वा द्वैविध्य और घ्शविधत्वा सविस्तर विवरा । ૨૪૬ २४७ २४७ २४८ २४८ २४८ २४८ ૨૫૦ ૨૫૦ ૨૫૧ ૨૫૧ પર ૫૨ ૨૫૩ २५८ ૧૯
SR No.006402
Book TitleAgam 01 Ang 01 Aacharang Sutra Part 02 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1957
Total Pages344
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_acharang
File Size13 MB
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