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अनु. विषय
पाना नं.
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૧૨૪ ૧૨૫ ૧૨પ ૧૨૯ ૧૨૬ ૧૩૧ ૧૩૧
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षवनिहायमेहसंडसन જીવસંખ્યા ૧૨૪ धर्भवाहिश १. धर्भस्व३५ २. धर्भसिद्ध 3. उर्भ डा भूतत्व ४. व और धर्भ डा संन्ध ५. हा अनाहित्व ६. सर्भवाहिभतनिराश ७. अन्धस्व३पनि३पा।१३२ ८. अन्धठारशनिस्वारा प्रकृतिमन्ध
माठ धर्मो डे लक्षात २. स्थितिजन्ध
स्थितिजन्ध गोष्ट 3. अनुभावसन्ध
पुश्यपापर्भ नि३पारा सर्वधाति प्रतियाँ (२०) शिधाति प्रकृतियाँ (२५) अधाति प्रकृतियाँ (७५) उत्तर प्रकृति संज्या (१४८) धर्भक्षयवियार छति धर्भवाहि प्रष्ट घ्यिावाहि प्रमा प्राशातिधात झ्यिा १५७ भृगवधमें उधत डी ठ्यिा सूत में लोह डालने वाले ही घ्यिा धनुषसे वींधने वाले छी घ्यिा वृष्टिज्ञान डे लिये हस्ताहि ईलाने वालेठी ठ्यिा ताऽ पर यढ र उसठेइल तोऽनेवाले ही ठ्यिा
अठारह पापस्थान (१) प्रातिपात
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१४४ ૧૪૬ १४७ १४८
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૧પ૮ ૧પ૮ ૧પ૯ ૧પ૯ ૧પ૯
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શ્રી આચારાંગ સૂત્ર : ૧