SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 63
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रियदर्शिनी टीका अ. २५ जयघोष-विजयघोषचरित्रम् दृष्टान्तमुक्त्वा दार्टान्तिकं योजयतिमूलम्-एवं लग्गति दुम्मेहा, 'जे नैरा कामलालसा । विरत्ता उ न लैंग्गंति, जहा सुंके 3 गोलँए ॥४३॥ छाया-एवं लगन्ति दुर्मेधसो, ये नराः कामलालसाः। विरक्तास्तु न लगन्ति, यथा शुष्कस्तु गोलकः ॥ ४३ ॥ टीका-' एवं ' इत्यादि ये नराः कामलालसा:-कामेषु-शब्दादि भोगेषु लालसाः येषां ते तथा,भोगाऽऽसक्ताः सन्ति, ते नराः एवम् आर्द्रगोलकवत् लगन्ति-श्लिष्यन्ति संसारे। तु-पुनः विरक्ता-कामभोगपराङ्मुखा न लगन्ति-संसारे न श्लिष्यन्ति । यथा तु शुष्को गोलको भित्तौ न लगतीतिभावः ॥४३॥ लग्गइ-सोऽत्र लगति) वह गोला इस भींत पर चिपक जाता है, और सूखा गोला नहीं चिपकता है ॥४२॥ 'एवं लग्गंति' इत्यादि अन्वयार्थ--(एवं-एवम् ) इसी तरह (जे नरा-ये नराः) जो मनुष्य (दुम्मेहा-दुर्मेधसः) अज्ञानी होकर (कामलालसा-कामलालसाः) शब्दा. दिक भोगोंमें लालसा संपन्न हैं तथा भोगोंमें आसक्त हैं वे ही मनुष्य आर्द्र-गीले गोलककी तरह इस संसारमें चिपके रहते हैं। (उ-तु) परन्तु जो कामभोगोंसे पराङ्मुख हैं वे (न लग्गंति-न लगन्ति) संसारमें नहीं चिपकते हैं (जहा-यथा) जैसे (सुक्क गोलए-शुष्कः गोलकः) शुष्क गोलक भित्तिमें नहीं चिपकता है ॥४३॥ ભીંત પર ચૂંટી જાય છે અને સુકે ગેળે ભીંત સાથે અથડાઈને નીચે પટકાઈ પડે છે. અર્થાત્ ભીંત પર ચુંટતો નથી. જે ૪૨ છે ___ “ एवं लग्गति"-त्या ! मन्वयार्थ-एवं-एवम् २ प्रमाणे जे नरा-ये नराः २ मनुष्य दुम्मेहादुर्मेधा मज्ञानी थन कामलालसा-कामलालसाः शमहाडि मागमा साससा સંપન્ન છે તથા ભેગોમાં અસક્ત છે તેજ મનુષ્ય આદ્ર-લીલા માટીના ગેળાની માફક આ સંસારમાં ચિટકી રહે છે. –તુ પરંતુ જે કામગોથી परागभुम छ त न लग्गति-न लगन्ति संसारमा मिटता नथी. जहा-यथा २ प्रमाणे सुक्के गोलए-शुष्कः गोलकः सू गाणे मी तसा येत नथी ॥४॥ उत्तराध्ययन सूत्र:४
SR No.006372
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1960
Total Pages1032
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size55 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy