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________________ Ra छेए वा परिहारे वा, नत्थि य इत्थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए संवच्छरं तस्स तप्पत्तियं नो कप्प आयरियतं वा उवज्झायत्तं वा पवत्तयत्तं वा थेरत्तं वा गणित्तं वा गणहरत्तं वा गावच्छे वा उद्दिसित्तए वा धारितए वा ॥ १७॥ भिक्खू य गणाओ अवकम्म अन्नं गणं उवसंपज्जित्ता णं विहरेज्जा तं च केइ साहम्मिए पासित्ता वज्जा - कं अज्जो ! उवसंपज्जित्ता णं विहरसि ? जे तत्थ सव्वराइणिए तं वज्जा, अह भंते ! कस्स कप्पाए ? जे तत्थ बहुस्सुए तं वएज्जा जं वा भगवं वक्खइ तस्स आणाउववायवयणनिदे से चिट्ठिस्सामि ॥ १८ ॥ बहवे साहम्मिया इच्छेज्जा एगयओ अभिनिचरियं चारए णो ण्हं कप्पर थेरे toryच्छित्ता गओ अभिनिचरियं चारए, कप्पइ व्हं थेरे आपुच्छित्ता एगयओ अभिनिचरियं चारए, थेरा य से वियरेज्जा एवं हं कप्पइ एगयओ अभिनिचयिं चारए, राय से नो वियरेज्जा एवं हं नो कप्पड़ एगयओ अभिनिचरियं चारए, जं तत्थ थेरे अविणे एगओ अभिनिचरियं चरंइ से संतरा छेए वा परिहारे वा ॥ १९ ॥ चरियापविट्ठे भिक्खू जाव चउरायपंचरायाओ थेरे पासेज्जा सच्चेव आलोयणा सच्चेव पडिक्कमणा सच्चेव ओग्गहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिट्ठा महालंदमवि उग्गहे ॥ २० ॥ चरियापविट्ठे भिक्खू परं चउरायपंचरायाओ थेरे पासेज्जा पुणो आलोएज्जा पुणो पक्किमे पुणो छेयस्स परिहारस्स उवहाएज्जा भिक्खुभावस्स अट्ठाए दोच्चंपि ओहे अणुणdeos सिया, कप्पर से एवं वदित्तए - - अणुजाणह भंते ! मिओग्गहं अहालंं धुवं निययं नेच्छइयं वेउट्टियं तओ पच्छा कायसंफासं ॥ २१ ॥ चरियानिट्टे भिक्खू जाव चउरायपंचरायाओ थेरे पासेज्जा सच्चेव आलोया सच्चेव पडिक्कमणा सच्चेव उग्गहस्स पुव्वाणुण्णवणा चिट्ठा आहालंदमवि उग्गहे || चरियानिट्टे भिक्खू परं चउरायपंचरायाओ थेरे पासेज्जा पुणो आलोएज्जा पुणो पडिक्कमेज्जा पुणो छेयपरिहारस्स उवहाएज्जा भिक्खुभावस्स अट्ठाए दोच्चंपि ओहे अणुण्णवेयव्वे सिया, अणुजाणह भंते ! मिओग्गहं अहालंदं धुवं निययं नेच्छइयं वेउट्टियं तओ पच्छा कायसंफासं ॥२३॥ दो साहम्मिया एगयओ विहरंति तंजहा - सेहो रायणिए य, एत्थ सेहत ए पच्छिन्ने रायणिए अपलिच्छन्ने सेहतराएणं रायणिए उवसंपज्जियच्वे भिक्खोवायं च दलयइ कप्पागं ॥२४॥ दो साहम्मिया एगयओ विहरंति, तंजहा - सेहे य रायणिए य, तत्थ रायणिए पलिच्छपणे सेहराए अपलिच्छपणे, इच्छा रायणिए से हतरागं उवसंपज्जेज्जा, इच्छा
SR No.006364
Book TitleAgam 26 Chhed 03 Vyavahara Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages346
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_vyavahara
File Size40 MB
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