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________________ प्रकाशिका टीका-षष्ठोवक्षस्कारः सू. २ द्वारदशकेन प्रतिपाद्यविषयनिरूपणम् ७-महाविदेहक्षेत्रप्रमाणम् ३३६८४ योजनानि कलाः ४ । ८-नीलवत्पर्वतप्रमाणम् १६८४२ योजनानि, कले २। ९-रम्यकक्षेत्रप्रमाणम्-८४२१ योजननानि, कला १। १० रुक्मिपर्वतप्रमाणम्-४२१० योजनानि कलाः १० । ११-हैरण्यक्तक्षेत्रप्रमाणम्-२१०५ योजनानि कलाः ५। १२-शिखरिपर्वतप्रमाणम्-१०५२ योजनानि कलाः १२ । १३-ऐरवतक्षेत्रप्रमाणम्-५२६ योजनानि कलाः ६।। ९९९९६ योजनानि कलाः ७६ दक्षिणोत्तरतः सर्व संकलने १००००० योजन सर्वाग्रम्, अब दक्षिण जगतीमूल विष्कम्भो भरतक्षेत्रप्रमाणे, उत्तर जगती सत्कश्च ऐवतक्षेत्र प्रमाणे अन्तर्भावनीय इति । (७) महाविदेह क्षेत्र का प्रमाण ३३६८४, योजन का है। (८) नीलवत पर्वत का प्रमाण १६८४२० योजन का है। (९) रम्यकक्षेत्र का प्रमाण ८४२१६ योजन का है। (१०) रुक्मि पर्वत का प्रमाण ४२१०१ योजन का है। (११) हैरण्यवतक्षेत्र का प्रमाण २१०५० योजन का है। (१२) शिखरिपर्वत का प्रमाण १०५२१२ योजन का है। (१३) ऐरवतक्षेत्र का प्रमाण ५२६६० योजन का है। इस तरह यहां पर योजन का जोड ९९९९६ निन्नानवेहजार नौ सौ छन्नु आता है और कलाओं का जोड ७६ आता है इनमें १९ का भाग देने पर ४ योजन बनते हैं अतः उपर्युक्त योजन प्रमाण में ४ को जोडने पर जम्बूद्वीप का पूरा विस्तार १ लाख योजन का आ जाता है यहां दक्षिण जगती का मूल विष्कम्भ (6) निषध ५ तनु प्रमाण १६८४२२ योगनरेट छ. (७) महाविध क्षेत्र प्रभाए 33९८४.४ योनि सु . (८) नle पतन प्रभा १९८४२२ योन २९ . (6) २भ्य क्षेत्रनु प्रभार ८४२११ योन छे. (१०) धिम तनु प्रमाण ४२१०१० योन २८९ छे. (११) १२९यक्त क्षेत्र प्रभार २१०५ यो रेसु छे. (૧૨) શિખરિ પર્વતનું પ્રમાણ ૧૦૫૨૩ એજન જેટલું છે. (૧૩) ઐરાવત ક્ષેત્રનું પ્રમાણ પર જન જેટલું છે. આ પ્રમાણે અહીં જનને સરવાળે ૦૯૯૯૬ નવાણું હજાર નવસે છનું છે, અને કલાઓનો સરવાળો ૫૭૬ થાય છે. એમાં ૧૯ ને ભાગાકાર કરીએ તે ૪જન થાય છે. એથી ઉપર્યુક્ત યોજન પ્રમાણમાં અને જોડવાથી જંબુદ્વીપને સંપૂર્ણ વિસ્તાર ૧ લાખ જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્રા
SR No.006355
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1977
Total Pages806
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jambudwipapragnapti
File Size51 MB
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