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सूर्यज्ञप्तिप्रकाशिका टीका सू० २५ चतुर्थ प्राभृतम् ॥ अथ चतुर्थ प्राभृतम् ॥
मूलम् ता कहें ते सेआते संठिई आहिताति वएजा, तत्थ खल इमा दुविहा संठिई पण्णत्ता, तं जहा - चंदिमसूरियसंठिई य १, तावक्खेत्तसंठिई य२ । ता कहं ते चंदिमसूरिया संठिई आहिताति वएज्जा, तत्थ खलु इमाओ सोलसपडिवत्तिओ पण्णत्ताओ, तत्थ एगे एवमाहंसु, ता समचउरंस संठिया चंदिमसूरिया संठिई, एगे एवमाहंसु ?, एगे पुण एवमाहंसुर, ता विसमचउरंससंठिया चंदिमसूरिया संठि पण्णत्ता २ एगे एवमाहंसु २, एगे पुण एवमाहंसु३ एवं समचउक्कोणसंठिया चंदिमसूरिया संठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु ३, एगे पुण एवमाहं ४, ता विसमचउक्कोणसंठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु४, एगे पुण एवमाहंसु ५ - समचक्कवालसंठिया चंदिमसुरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु ५, एगे पुण एवमाहंसु विसमचक्कवालसंठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता एगे एवमाहंसु६, एगे पुण एवमाहंसु ७ - ता चक्कद्र चक्कवालसंठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु ७, एगे पुण एवमाहंसु ८-ता छत्तागारसंठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु ८, एगे पुण एवमाहंसु ९ -ता गेहसंठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु ९, एगे पुण एवमाहंसु १० - ता गेहावणसंठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु १०, एगे पुण एवमाहंसु १९ - पासायसंठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु ११, एगे पुण एवमाहंसु १२ - ता गोपुर संठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु १२, एगे पुण एवमाहंसु १३-ता पेक्खाघरसंठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु १३, एगे पुण एवमाहंसु १४- ता वलभीसंठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु १४, एगे पुण एवमाहंसु १५ता हम्प्रियतलसंठिया चंदिमसूरियसंठिई पन्नत्ता, एगे एवमाहंसु १५,
શ્રી સુર્યપ્રજ્ઞપ્તિ સૂત્ર : ૧
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