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प्रमेयबोधिनी टीका पद २२ सू. ६ क्रियाविशेषनिरूपणम् सिय कन्जइ, मिय नोकजइ,जस्सपुण अपञ्चक्खाणकिरिया कजइ तस्स आरंभिया किरिया णियमा कजइ,एवं मिच्छादसणव चियाए वि सम, एव परिग्गहिया वि तिहिं उवरिल्लाहिं समं संचारेयव्वा, जस्स मायावतिया किरिया कज्जइ तस्स उवरिल्लाओ दो विसिय कजति, सिय नो कजइ। जस्स उवरिल्लाओ दो कति तस्स मायावर्तिया णियमा कन्जइ जस्सअपच्चक्खाणकिरियाकजइ, तस्स मिच्छादसणवत्तियो सिय कजइ, सिय नो कज्जइ,जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ, तस्स अपञ्चक्खाणकिरिया णियमा कजइ, नेरइयस्स आइल्लियाओ चत्तारि परोप्पर नियमा कजंति, जस्स एयाओ चत्तारि कजंति तस्स मिच्छादसणवत्तिया किरिया भईजइ,जस्स मिच्छादसणवत्तिया किरिया कन्जइ तस्स एयाओ चत्तारि नियमा कजंति, एवं जाव थणियकुमारस्त, पुढविकाइयस्स जाव चउरिदियस्स पंचवि परोप्पर नियमाकजंति पंबिंदियतिरिक्वजोणियस्स आइल्लियाओ तिणि विपरोप्परं नियमा कजंति, जस्स एयाओ कजति तस्स उवरिल्लिया दोण्णि भइज्जंति, जस्स उवरिल्लियाओदोणि कति,तस्स एयाओतिण्णि विणियमा कज्जति जस्स अपञ्चक्खाणकिरिया तस्म मिच्छादं सणवत्तिया सिय कजइ सिय नो कजइ, जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया किरिया कजइ तस्स अपच्चक्खाणकिरिया नियमा कज्जइ, मणूसस्स जहा जावस्म, वाणमंतरजोइसियवेमाणियस्स जहा नेरइयस्स, जं समयं णं भंते! जीवस्स आरंभिया किरिया कजइ, तं समयं परिग्गहिया किरिया कजइ ? एवं एए जस्स, जं समयं, जं देसं, जं पएसेण य.चत्तारिदंडगा नेयव्वा, जहा नेरइयाण तहा सव्वदेवाण नेयव्व जाव वेमाणियाण" ॥ सू०६ ॥ ___छाया-कति स्वल भदन्त ! क्रियाः प्रज्ञप्ताः ? गौतम ! पश्च क्रियाः प्रज्ञप्ताः
क्रियाविशेषवक्तव्यता शब्दार्थः-(कइ णं भंते ! किरियाओ पण्णताओ ?) हे भगवन् ! क्रियाएँ
ક્રિયાવિશેષવક્તવ્યતા शहाथ:-(कइ ण भंते ! किरियाओ पण्णत्ताओ ?) हे मापन। [या-मोटसीडी छे ?
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૫