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________________ प्रज्ञापनासूचे क्रियाविशेषवक्तव्यता मूलम्-"कइ ण भंते ! किरियाओ पण्णत्ताओ? गोयमा! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-आरंभिया परिग्गहिया मायावत्तिवा अपच्चक्खाणवत्तिया किरिया मिच्छादंसणवत्तिया, आरंभिया णं भंते ! किरिया कस्स कज्जइ ! गोयमा ! अण्णयरस्स वि पमत्तसंजयस्स, परिग्गहिया णं भंते किरिया कस्स कज्जइ ? गोयमा ! अण्णयरस्स वि संजयासंजयस्स, मायावत्तिया णं भंते ! किरिया कस्स कज्जइ ? गोयमा! अण्णयरस्स वि अपमत्तसंजयस्स, अपञ्चक्खाणकिरिया णं भंते ! कस्स कन्जइ ? गोयमा ! अण्णयरस्स वि अपच्चक्खाणियस्स. मिच्छादसणवत्तिया णं भंते ! किरिया कस्स कज्जइ ? गोयमा! अण्णयरस्स वि मिच्छादंसणियस्स, नेरइयाणं भंते ! कइ किरियाओ पण्णत्ताओ? गोयमा ! पंच किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा आरंभिया जाव मिच्छादंसणवत्तिया, एवं जाव वेमाणियाणं, जस्स णं भंते ! जीवस्स आरंभिया किरिया कज्जइ तस्स परिग्गहिया कि कजइ ? जस्स परिग्गहिया किरिया कजइ तस्स अरंभिया किरिया कजइ ? गोयमा ! जस्स णं जीवस्स आरंभिया किरिया कजइ तस्स परिग्गहिया सिय कजइ, सिय नो कज्जा, जस्स पुण परिग्गहिया किरिया कजइ तस्स आरंभिया किरिया णियमा कजइ, जस्स गं भंते ! जीवस्स आरंभिया किरिया कन्जइ तस्स मायावत्तिया किरिया कजइ ? पुच्छा गोयमा ! जस्सणं जीवस्त अरंभिया किरिया कजइ तस्स मायावत्तिया किरिया नियमा कजइ, जस्स पुण मायावत्तिया किरिया कज्जइ तस्स आरंभिया किरिया सिय कजइ सिय नो कजइ, जस्सणं भंते ! जीवस्स आरंभिया किरिया कजइ तस्स अपच्चक्खाणकिरिया पुच्छा ? गोयमा ! जस्स जीवस्स अरंभिया किरिया कन्जइ तस्स अपचक्खाणकिरिया શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૫
SR No.006350
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 05 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1980
Total Pages1173
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size76 MB
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