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प्रमेयबोधिनी टीका पद ११२० १० भाषाद्रव्यग्रहणनिरूपणम् पिप्पलीचूर्णानां वा, मरीचचूर्णानां या, शृङ्गबेरचूर्णाना वा, चूणिक्या भेदो भवति तत् स चूर्णिकाभेदः ३, तत् कः सोऽनुतटिकाभेदः ? अनुतटिका भेदो यत् खलु अवटानां वा, तडागानां वा, हूदानां वा, नदीनां वा, वापीनां वा, पुष्करिणीनां वा, दीर्घिकाणां वा, गुञ्जालिकानां वा, सरसां वा, सरःसरसांवा, सरःपङ्क्तिकानां वा, सरः सर पङ्क्तिकानां वा, अनुतटिकया भेदो भवति तत् सोऽनुतटिकाभेदः ४, तत् कः स उत्कटिकाभेदः ? (जं णं) जो (तिलचुण्णाण वा) तिलों के चूरे का (मुग्गचुण्णाण वा) या मूंग के चूरे का (मासचुग्णाण वा) या उड़द के चूरे का (पिप्पलीचुण्णाण वा) पीपल के चूरे का (मिरीयचुण्णाण वा) काली मिर्च के चूरे का (सिंगबेरचुण्णाण वा) अदरख के चूरे का (चुणियाए भेदे भवइ) चूरा करने से भेदन होता है (से तं चुणियाएभेदे) वह चूर्णिकाभेद है ___(से किं तं अणुतडिया भेदे ?) अनुतटिका भेद क्या है ? (अणुतडिया भेदे) अनुतटिका भेद (जं णं) जो (अगडाणवा) कूपों का (तडागाण वा) या तडागों का (दहाण वा) या हदों का (नदीण वा) या नदियों का (वावीण वा) या चावड़ियों का (पुक्खरणीण वा) या पुष्करिणियों का (दीहिण वा) या दीधि काओं का (गुंजालियाण वा) या वक्र नदियों का (सराण वा) या सरों का (सरसराण वा) या सर-सरों का-बहुत पुष्पों से व्याप्त सरोवरों का (सरपंतियाण वा) सरों की पंक्तियों का (सरसरपंतियाण वा) या सर-सर की पंक्तियों का (अणुतडियाभेदे भवइ) अनुतटिका भेद होता है (से तं अणुतडियाभेदे) वह अनुतटिका भेद कहलाता है _(से किंतं उक्करिया भेदे ?) उत्कटिका भेद क्या है ? (जं णं) जो (मूसाण) २ (तिल चुण्णाण वा) dant Kाना (मुग्ग चुण्णाण वा) भगना सुना (मासचुण्णाण वा) भा२ २५४ना सुना (पिप्पली चुण्णाण वा) पीना सुना (मिरीय चुण्णाण वा) ॥ भरीना सुडाना (सिंगवेरचण्णाण वा) माहुना युराना (चुणियाए भेदे भवइ) यु। ४२पाथी बहन थाय छे (सेतं चुणिया भेदे) ते यूणि से छ
(से किं तं अणुतडिया भेदे ?) अनुतटिम शुछ १ (अणुतडिया भेदे) अनुतटिया लेह (जं गं) २ (अगडाण वा) सुवामाना (तडागाण वा) २२ तावना (दहाण वा) अगर घरायोना (नदीणवा) अगर नहीयाना (वावीण वा) मगर पावाना (पुक्करिणीण वा) या Y०४२ याना (दीहियाण वा) मायाना (गुंजालियाण वा) ॥२ aisi नहीयाना (सराण वा) २५१२ सपशेना (सरसराण वा) अथवा स२सशना-ए। पुपोथी व्याप्त सश१२ना (सरपंतियाण वा) सश१२नी पत्तियोना (अणुतडिया भेदे भवइ) अनुताटा से थाय छ (से तं अणुतडिया भेदे) ते मनुता ले पाय छ
(से किं तं उक्करिया भेदे ?) sles शुछ १ (जं ण) (मूसाण) भूषोना (वा प्र० ४९
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૩