________________
प्रज्ञापनासूत्रे कालाई गिण्हइ ताई कि एगगुण कालाइं गेण्हइ जाव अणंत गुणकालाई गिण्हइ ? गोयमा! एगगुण कालाई पि गिण्हइ जाव अणंतगुण कालाई पि गेण्हइ, एवं जाव सुकिल्लाइं पि। जाइं भावओ गंधमंताई गिण्हइ ताई कि एगगंधाइं गिण्हइ, दुगंधाइं गिण्हइ ? गोयमा ! गहणव्वाइं पडुच्च एगगंधाई पि दुगंधाइं पि गिण्हइ, सव्वग्गहणं पहुच्च नियमादुगंधाइ गिहइ, जाइं गंधओ सुब्भिगंधाई गिण्हइ ताई किं एगगुणसुब्भिगंधाइं गिण्हइ जाव अणंतगुण सुब्भिगधाइं गिण्हइ ? गोयमा ! एगगुणसुब्भिगंधाई पि जाव अणंत गुणसुब्भिगंधाई पि गेहइ, एवं दुब्भिगंधाई पि गिण्हइ । जाइं भावओ रसमंताइ गेण्हइ ताइं किं एगरसाइं गिण्हइ जाव किं पंचरसाइं गेण्हइ ? गोयमा! गहणदव्वाई पडुच्च एगरसाई पि गिण्हइ, जाव पंचरसाई पि गेण्हइ, सव्वग्गहणं पडुच नियमा पंचरसाइं गेण्हइ । जाइं रसओ तित्तरसाइं गेण्हइ ताई किं एगगुणतित्तरसाई गिण्हइ जाव अगंतगुणतित्तरसाई गिण्हइ ? गोयमा! एगगुणतित्ताई पि गिण्हइ जाव अणंतगुणतित्ताइं पि गिण्हइ, एवं जाव मधुररसो । जाइं भावओ फासमंताई गिण्हइ, ताइं किं एगफासाइं गेण्हइ जाव अटफासाइं गिण्हइ ? गोयमा ! गहणदव्वाइं पडुच्च णो एगफासाइं गिण्हइ, दुफासाइं गिण्हइ जाव चउफासाई गेण्हइ, जो पंचफासाइं गेण्हइ, जाव नो अटफासाइं गेण्हइ, सव्वग्गहणं पडुच्च नियमा! चउफासाइं गेण्हइ, तं जहा-सीतफासाइं गेण्इ, उसिणफासाइंणिद्धफासाइं लुस्खफासाइं गेहइ, जाइं फासओ सीताई गिण्हइ ताई कि एगगुण सीताई गेण्हइ जाव अणंतगुणसोताई गेण्हइ ? गोयमा ! एगगुणसीताई पि गेण्हइ, जाव अणंतगुणसीताई गेण्हइ, एवं उसिणणिद्धलुक्ख इं जाव अणंतगुणाई पि गिण्हइ, जाइं भंते ! जाव अणंतगुणलुक्खाइं गेण्हइ ताइं किं पुटाई गेण्हइ अपुटाई गेण्हइ ? गोयमा! पुट्ठाई गेण्हइ अपुटाइं नो गेण्हइ, जाई भते ! पुटाई गेण्हइ
श्री प्रशान। सूत्र : 3