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प्रज्ञापनासूत्रे
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कषायरसपर्यवैः, अम्लरसपर्ययैः, मधुररसपय्यैः, कर्कश स्पर्शपर्यवैः, मृदुकस्पर्शपर्यवैः, गुरुकस्पर्शपर्यवैः, लघुकस्पर्शपर्यवैः शीतस्पर्शपर्यवैः, उष्णस्पर्शपर्यवैः, स्निग्धस्पर्शपर्यवैः, रूक्षस्पर्शपर्यवैः, आभिनिवोधिकज्ञानपर्यवैः श्रुतज्ञानपर्यवैः, अवधिज्ञानपर्यवैः, मत्यज्ञानपर्ययैः श्रुताज्ञानपर्यवैः, विभङ्गज्ञानपर्यवैः, चक्षुर्दर्शनपर्यवैः, अचक्षुर्दर्शनपर्यवैः, अवधिदर्शनपर्यवैः, षट्स्थानपतितः, तत् एतेनार्थेन पर्यायों से (सुभगंधपज्जवेहिं दुभिगंधपज्जवेहिं) सुगंध और दुर्गंध के पर्यायों से (तित्तर सपज्जवेहिं, कड्डयरसपज्जवेहिं कसायरसपज्जवेहिं, अंबिलरसपज्जवेहिं, महुररसपज्जवेहिं) तिक्त कटुक-कषाय-आम्लमधुररस के पर्यायों से (कक्खडफासपज्जवेहिं, मउयफासपज्जवेहिं, गरुयफासपज्जवेहिं, लहुयफासपज्जवेहिं, सीयफासपज्जवेहिं, उसिणफासपज्जवेहिं, णिफासपज्जवेहिं, लुक्खफासपज्जवेहिं) कर्कश -मृदुगुरु- लघु-शीत-उष्ण- स्निग्ध और रुक्ष स्पर्श के पर्यायों से (आभिणिबोहिय नाणपज्जवेहिं, सुयनाणपज्जवेहिं, ओहिनाणपज्जवे हिं) आभिनिबोधक ज्ञान के पर्यायों से, श्रुतज्ञान के पर्यायों से, अवधिज्ञान के पर्यायों से (मइअण्णापज्जवेहिं, सुयअण्णाणपज्जवेहिं विभंगनाणपज्जवे हिं) मत्यज्ञान के पर्यायों से, श्रुताज्ञान के पर्यायों से, विभंगज्ञान के पर्यायों से (चक्खुदंसणपज्जवेहिं, अचक्खुदंसणपज्जवेहिं ओहिदंसणपज्जवेहिं) चक्षुदर्शन के पर्यायों से, अचक्षुदर्शन के पर्यायों से, अवधिदर्शन के पर्यायों से (छट्टाणवडिए) पदस्थानपतित हैं (से) पज्जवेहिं, दुब्भिगंध पज्जबेहिं ) सुगन्ध मने हुर्गन्धना पर्यायाथी (तित्तरस पज्ज हिं, कडुयरस पज्जवेहिं कसायरस पज्जवेहि, अंबिलरस पज्जवेहिं, महुररस पज्जवेहिं) तिक्त २स, उटु, उषाय, आम्ल, मधुर रसना पर्यायाथी (कक्खड - फासपज्जवेहिं मउयफासपज्जवेहिं, गरुयफासपज्जवेर्हि, लहुयफासपज्जवेहिं सीयफासपज्जवेहिं उसिणफ|सपज्जवेहि, णिद्धफासपज्जवेहिं, लुक्खफास पज्जवेहिं ) ४४श, भृट्टु, गु३-सधु-शीत उष्णु स्निग्ध भने ३क्ष स्पर्शना पर्यायाथी (आमिणिवोहियनाणपज्जवेहिं, सुयनाण पज्जवेहिं ) मालिनिमोधि ज्ञानना पर्यायाथी श्रुतज्ञानना पर्यायाथी, अवधिज्ञानना पर्यायीथी ( मइअण्णाणपज्जवेहिं सुयअण्णाणपज्जवेहिं विभंगणाणपज्जवेहिं) भत्यज्ञानना पर्यायाथी, श्रुताज्ञानना पर्यायाथी विभज्ञानना पर्यायोथी (चक्खुदंसणपज्जवेहिं अचक्खुदंसणपज्जवेहिं ओहिदंसणपज्जवेहिं) यक्षुहर्शनना पर्यायोथी, अयक्षुहर्शनना पर्यायोथी, अवधिदर्शनना पर्यायोथी (छट्ठाणवडिए) छ स्थान पतित छे (से) अथ (एएणट्टेणं) मे हेतुथी (गोयमा) डे गौतम ! (एवं बुच्चइ) प्रेम उपाय छे (असुरकुमाराणं अनंता पज्जवा
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શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર :૨
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