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प्रमेयबोधिनी टीका पद ३ सू.४० महादण्डकानुसारेण सर्वजीवाल्पबहुत्वम् ४०९ गुणाः ३७, वानव्यन्तराः देवाः संख्येयगुणा' ३८, वानव्यन्तयों देव्यः संख्येयगुणाः ३९ ज्योतिष्का देवाः संख्येयगुणाः ४०, ज्योतिष्क्यो देव्यः संख्येयगुणाः ४१, खचर पञ्चन्द्रियतिर्यग्योनिका नपुंसकाः संख्येयगुणाः ४२, स्थलचरपश्चेन्द्रियतिर्यग्योनिका नपुंसकाः संख्येयगुणाः ४३, जलचरपञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिका नपुंसकाः संख्येयगुणाः ४४ चतुरिन्द्रियाः पर्याप्तकाः संख्येयगुणाः ४५, पञ्चेन्द्रियाः पर्याप्तकाः विशेषाधिकाः ४६, द्वीन्द्रियाः पर्याप्तकाः तिर्यंचयोनिक पुरुष संख्यातगुणा (जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिणीओ संखिज्जगुणाओ) जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिकस्त्रियां संख्यात गुणी (वाणमंतरा देवा संखिजगुणा) वानव्यन्तर देव संख्यातगुणा (वाणमंतरीओ देवीओ संखिजगुणाओ) वानव्यन्तरी देवियां संख्यात गुणा (जोइसिया देवा संखिजगुणा) ज्योतिष्क देव संख्यातगुणा (जोइसिणीओ देवीओ संखिज्जगुणाओ) ज्योतिष्क देवियां संख्यातगुणा (खहयर पंचिंदियतिरिक्खजोणिआ नपुंसगा संखिज्जगुणा) खेचर पंचेन्द्रिय तियंचयोनिक नपुंसक संख्यातगुणा हैं (थलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया नपुंसगा संखिज्जगुणा) स्थलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच नपुंसक संख्यातगुणा (जलयरपंचिंदिय तिरिक्खजोणिया नपुंसगा संखिज्जगुणा) जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यच योनिक नपुंसक संख्यातगुणा (चउरिंदिया पज्जत्तया संखिज्जगुणा) चतुरिन्द्रिय पर्याप्त संख्यातगुणा (पंचिंदिया पज्जत्तया विसेसाहिया) पंचेन्द्रिय पर्याप्त विशेषाधिक दिय तिरिक्खजोणिया पुरिसा संखिजगुणा) AA२ ५'येन्द्रिय तिय योनि ५३॥ सयात छ. (जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिणीओ संखिज्जगुणाओ) ४५२२ ५'येन्द्रिय तिय योनि लियो सध्यातरी छे. (वाणमंतरा देवा संखि ज्जगुणा) वानव्यन्त२ १ सयात छ. (वाणमंतरीओ देवीओ संखिज्जगुणाओ) पानव्यतिरी हेविया सध्यातगणी छे. (जोइसिया देवा संखिज्जगुणा) ज्योति
सध्यात छ. (जोइसिणीओ देवीओ संखिज्जगुणाओ) ज्योति वायो सध्यातjी छ. (खयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया नपुंसगा संखिज्जगुणा) मेयर ५.येन्द्रिय तिय योनि नपुस सध्यात छ. (थलयरपंचिंदियतिरियक्खजोणिया नपुंसगा सखि जगुणा) २५सय ५'येन्द्रिय तियय नस४ सयात छ. (जलयर पंचिंदियतिरिक्खजोणिया नपुंसगा सं खिज्जगुणा) १४५२ ५येन्द्रिय तिय य नस४ सयात छ. (चरिंदिया पज्जत्तया सखिजगुणा) यतुन्द्रिय पर्यात सध्यात! छे. (पंचिंदिया पज्जत्तया विसेसाहिया) ५येन्द्रिय पर्यात
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શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨