________________
प्रज्ञापनासूत्रे
,
समयस्थितिकाः पुद्गलाः द्रव्यार्थतया असंख्येयगुणाः, प्रदेशार्थतया सर्वस्तोकाः एकसमयस्थितिकाः पुद्गलाः प्रदेशार्थतया संख्येयसमयस्थितिकाः पुद्गलाः प्रदेशार्थतया संख्येयगुणाः, असंख्येयसमयस्थितिकाः पुद्गलाः प्रदेशार्थतया असंख्येयगुणाः, द्रव्यार्थ प्रदेशार्थतया सर्वस्तोकाः एकसमयस्थितिकाः पुद्गलाः, द्रव्यार्थ प्रदेशार्थतया संख्येयसमयस्थितिकाः पुद्गलाः द्रव्यार्थतया संख्येयगुणाः, ते चैव प्रदेशार्थतया संख्येयगुणाः, असंख्येयसमयस्थितिकाः पुद्गलाः द्रव्यातया असंख्येयगुणाः, ते चैव प्रदेशार्थतया असंख्येयगुणाः, एतेषां खलु भदन्त ! असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल द्रव्य से असंख्यातगुणा हैं ( पसट्टयाए सव्वत्थोवा एगसमयठिझ्या पुग्गला परसहयाए) प्रदेशों की अपेक्षा सब से कम एक समय की स्थिति वाले पुद्गल हैं प्रदेशों से (संखिज्ज समयठिझ्या पुग्गला पएसट्टयाए संखेज्जगुणा ) संख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल प्रदेशों से संख्यातगुणा हैं (असंखिज्ज समयठया पुग्गला पएसइयाए असंखेज्जगुणा ) असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल प्रदेशों से असंख्यातगुणा हैं (दव्वद्वपए सट्टयाए सव्यत्थोवा एगसमयठिझ्या पुग्गला) द्रव्य और प्रदेशों से सबसे कम एक समय की स्थिति वाले पुद्गल (दव्यद्वपए सहयाए) द्रव्य और प्रदेशों से (संखिज्जसमठिया) संख्यात समय की स्थिति वाले ( पुग्गठा ) पुद्गल (दाएं) द्रव्य से (संखिज्जगुणा ) संख्यातगुणा हैं (ते चैव एसए) वे ही प्रदेशों की अपेक्षा ( संखेज्जगुणा ) संख्यातगुणा हैं (असंखिज्जसमयठिया पुग्गला दव्यद्वयाए असंखिज्जगुणा ) असं
३८८
द्रव्यथी संख्यातगा छे. (असंखिज्जसमयठिया पुग्गला दव्बट्टयाए असंखिज्जगुणा) असभ्यात सभयनी स्थितिपाणा युगल द्रव्यथी असं ज्यातथा छे. ( पट्टयाए सव्वत्थोवा एगसमयटूट्ठिइया पुग्गला पएसट्टयाए) प्रदेशानी अपेक्षाथी सौथी गोछा मे समयनी स्थितिपाणा युगले छे. (संखिज्जसमयठिइया पुग्गला परसट्टयाए संखेज्जगुणा ) सांध्यात सभयनी स्थितिवाणा युद्गलो अहे. शोथी संख्यातगा छे. (असंखिज्जसमयटू ठिइया पुग्गला पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा ) अस ंख्यात सभयनी स्थितिवाणा युगसेो प्रदेशोथी असण्यातला छे. (दव्य पट्टयाए सव्वत्थोवा एगसमय ट्ठिइया पुग्गला) द्रव्य भने प्रदेशाथी सौथी मोछा ये सभयनी स्थितिवाणा युगलो छे. (संखिज्ज समयठिइया) सभ्यातसभयनी स्थितिपाणा (पुग्गला) युगसेो (दब्बट्टयाए) द्रव्यथी (संखिज्जगुणा ) संख्यातगाथा छे, (ते चेव पसट्टयाए) मे४ प्रदेशोनी अपेक्षाथी ( संखेजगुणा ) सभ्याताया छे. (असंखिज्जसमय ट्ठिइया पुग्गला दव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा) असण्यात सभयनी
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર :૨