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________________ ३६० प्रज्ञापनासूत्रे साहिया१२, पज्जत्तया विसेसाहिया१३, आउयस्स कम्मस्स अबंधया विसेसाहिया १४ ॥सू०३७॥ छाया-एतेषां खलु भदन्त ! जीवानामायुष्कम्य कर्मणो बन्धकानाम्, अबन्धकानाम् , पर्याप्तकानाम् , अपर्याप्तकानाम् , मुप्तानाम् , जाग्रताम् , समबहतानाम्, असमवहतानाम् , सातवेदकानाम् , असातवेदकानाम् , इन्द्रियोपयुक्तानाम्, नो इन्द्रियोपयुक्तानाम्, साकारोपयुक्तानाम्, अनाकारोपयुक्तानाञ्च कतरे कतरेभ्योऽल्पा वा, बहुका वा, तुल्या वा, विशेषाधिका वा ? गौतम ! सर्वस्तोकाः बन्धद्वार वक्तव्यताशब्दार्थ-(एएसि णं भंते !) हे भगवन (जीवाणं) जीवों के (आउयस्स कम्मस्स) आयु कर्म के (बंधगाणं अबंधगाणं) बंध करने वालों, न बंध करने वालों (पज्जत्ताणं अपज्जत्ताणं) पर्याप्तों, अपर्याप्तों (सुत्ताणं जागराणं) सुप्तों और जागृतों (समोहयाणे असमोहयाणं) समुद्घात करते हुओं, न समुद्घात करते हुओं, (सायावेयगाणं असायावेयगाणं) सातावेदकों, असातावेदकों (इंदिओवउत्ताणं नो इंदिओवउत्ताणं) इन्द्रियोंपयुक्तों, नो इन्द्रियोपयुक्तों (सागारोवउत्ताणं अणागारोवउत्ताणं) साकार उपयोग में उपयुक्तों, अनाकारोपयोग में उपयुक्तों में से (कयरे) कौन (कयरेहिंतो) किससे (अप्पा या) अल्प (बहुया चा) या बहुत (तुल्ला वा) या तुल्य (विसेसाहिया वा) या विशेषाधिक हैं ? (गोयमा !) हे गौतम ! (सव्यत्योवा जीवा) सब से कम जीय બન્ધદ્વારની વક્તવ્યતા शा-(एएसिणं भंते ! ) 3 मापन् २0 (जीवाणं) वोन (आउयस्स कम्मस्स) मायुभना (बंधगाणं अबंधगाणं) ५५ ४२वावा॥ मने मन ४२५॥ पाणमा (पज्जत्ताणं अपज्जत्ताणं) पर्याप्तो मने अपर्याप्तोमा (सुत्ताणं जागराणं) सुतेमा भने सासामा (समोहयाणं असमोहयाणं) समुद्धात ४२वा मने समाधात न ४२वापणासभा (सायावेयगणं असायावेयगाणं) साता वोमा मन मसात वेहोभा (इंदिओवउत्ताणं नो इंदिओवउत्ताणं) द्रियोपयोगवाणासीमा भने । द्रियो५युतीमा (सागारोव उत्ताणं अणागारोवउत्ताणं) सा४।२उपयोगवाजासमां मने मना५योगवाणासभा (कयरे) १ (कयरेहितो) नयी (अप्पा वा) २५८५ छ ? २५०५२ (बहुया वा) गहु ? (तुल्ला वा) २५थवा तुक्ष्य छ ? (विसेसाहियावा) विशेषाधि छ ? (गोयमा ! ) 3 गौतम ! (सव्वत्थोवा जीवा) सौथी माछ। ७१ (आउय શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨
SR No.006347
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1975
Total Pages1177
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size68 MB
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