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प्रज्ञापनासूत्रे
तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखिज्जगुणा, उडलोए असंखिज्जगुणा, अहोलोए विसेसाहिया ॥सू० ३२ ॥
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छाया - क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोकाः एकेन्द्रिया जीवाः, ऊर्ध्वलोकतिर्यग्लोके, ratorsarath विशेषाधिकाः, तिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये असंरूयेयगुणाः, ऊर्ध्वलोके असंख्येयगुणा, अधोलोके विशेषाधिकाः, क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोका एकेन्द्रियाः जीवाः अपर्याप्तकाः ऊर्ध्वलोकतिर्यग्लोके, अधोलोकतिर्यग्लोकं विशेषाधिकाः, तिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये असंख्येयगुणाः, ऊर्ध्वलोके असंख्येयगुणाः, अधोलोके विशेषाधिकाः, क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोकाः एकेन्द्रियजीवों का अल्प बहुत्व
शब्दार्थ - (खेत्ताणुचाएणं) क्षेत्र के अनुसार (सव्वत्थोवा एगिंदिया जीया उड्ढलोयतिरियलोए) सब से कम एकेन्द्रिय जीव ऊर्ध्वलोकतिर्यक्रलोक में हैं ( अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया) अधोलोक- तिर्यक्रलोक में विशेषाधिक हैं ( तिरियलोए असंखिज्जगुणा ) तिर्यग्लोक में असंख्यातगुणा हैं ( तेलोक्के असंखेज्जगुणा ) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणा हैं (उड़ढलोए असंखेज्जगुणा ) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणा हैं (अहोलोए बिसेसाहिया) अधोलोक में विशेषाधिक
(खेत्ताणुवारणं) क्षेत्र के अनुसार (सच्चत्थोवा) एगिंदिया जीवा अपज्जन्तगा उड्ढलोयतिरियलोए) सब से कम एकेन्द्रिय अपर्याप्त जीव ऊर्ध्वलोक- तिर्यकुलोक में हैं (अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया) अधोलोक - तिर्यक्र्लोक में विशेषाधिक हैं ( तिरियलोए असंखिजगुणा) तिछेलोक में असंख्यातगुणा हैं (तेल्लोक्के असंखेज्जगुणा) त्रैलोक्य એકેન્દ્રિય જીવાના અલ્પમહુપણાનું કથન
शब्दार्थ - (खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्र अनुसार (सव्वत्योवा एगिंदिया जीवा उड्ढलोयतिरियलोए) सौथी सोछा मे इन्द्रियवाजा को अर्थ यो तिर्यो भां छे. ( अहोलोय तिरियलोए विसेसाहिया) घोडे तिर्यो मां विशेषाधि छे. (तिरियलोए असंखिज्जगुणा ) तियखेोभां असण्यातगा छे. (तेलोक्के असंखेज्जगुणा) यांग ज्यातगणा छे (उड्ढलोए असंखेजगुणा ) से मां असण्यातला छे. ( अहोलोए विसेसाहिया) अधोलोमा विशेषाधि छे.
(खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्र अनुसार (सन्वत्थोवा एगिंदिया जीवा अपजत्तगा उडूढलोय तिरियलोप) सौथी मोछा मे इन्द्रियवाणा भयो सोउ-तिर्यलाभां छे. ( अहोलोए तिरियलोए विसेसाहिया) घोलो तिर्यमा विशेषाधि४ छे. (तिरियलोए अस खिज्जगुणा ) तिछतो मां असण्यातगा छे, (तेलोक्के असंखेज्ज -
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર :૨