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________________ प्रज्ञापनासूत्रे संस्थानपरिणता अपि१, वृतसंस्थानपरिणता अपि २, व्यत्रसंस्थानपरिणता अपि३, चतुरस्रसंस्थानपरिणता अपि४, आयतसंस्थानपरिणता अपि ५।२०।४०॥ ये रसतः कपायरसपरिणता स्ते वर्णतः कालवर्णपरिणता अपि१, नीलवर्णपरिणता अपि२, लोहितवर्णपरिणता अपि३, हालिद्रवर्णपरिणता अपि४, शुक्लवर्णपरिणता ५॥ गन्धतः सुरभिगन्धपरिणता अपि१, दुरभिगन्धपरिणता अपि२। स्पर्शतः-कर्कशस्पर्शपरिणता अपि१, मृदुकस्पर्शपरिणता अपि२, गुरुस्पर्शपरिणता संस्थान परिणमन वाले भी हैं (वसंठाणपरिणया वि) वृत्त संस्थान परिणमन वाले भी हैं (तंससंठाणपरिणया वि) त्रिकोण संस्थान परिणमन वाले भी हैं (चउरंस संठाणपरिणया वि) चतुष्कोण संस्थान परिणमन वाले भी हैं (आययसंठागपरिणया वि) आयत संस्थान परिणमन वाले भी हैं। (जे) जो (रसमो) रस से (कसायरसपरिणवा) कषायरस परिणमन वाले हैं । (ते) वे (वण्णओ) वर्ण से (कालवण्णपरिणया वि) काले वर्ण परिणाम वाले भी होते हैं (नीलवण्णपरिणया वि) नोलेवर्ण परिणाम वाले मो होते हैं (लोहिय वण्णपरिणया वि) लालवर्ण परिणाम वाले भी होते हैं (हालिदवण्णपरिणया वि) षोले वर्ण परिणमन वाले भी होते हैं । (सुकिल्लवण्णपरिणया) श्वेतवर्ण परिणमनवाले भी होते हैं। (गंधओ) गंध से (सुन्मिगंधपरिणया वि) सुगंध परिणमन वाले भी होते हैं (दुन्मिगंधपरिणया वि) दुर्गध परिणमन वाले भी होते हैं। ___ (फासओ) स्पर्श से (कक्खडफासपरिणया वि) कर्कश स्पर्श परिणाम ani ५ (वट्टसंठाणपरिणया वि) वृत्त सथान. परिणाम पाi पण छ (तंससंठाणपरिणया वि) त्रिी सथान परिणाम Mi ५ छ (चउरंससंठाणपरिणया वि) यतु संस्थान परिणाम वजन ५५५ छ (आयय संठाणपरिणया वि) मायत संस्थान परिणामी ५४ छ. (जे) रे। (रसओ) २४थी (कसायरसपरिणया वि) ४५।५ २४ परिणाम पाणi छ (ते) ते (वण्णओ) १४ थी (कालवण्णपरिणया वि) in २॥ ५२म छ (नीलवण्णपरिणया वि) नास व परिणाम वा ५५ उय छे (लोहियवण्णपरिणया वि) सार वर्ष परिशुराम वाणां ५५ डाय छ (हाविदवण्णगरिणयां वि) पी. जना परिणाम पाni ५५ डाय छ (सुकिल्लवण्ण परिणया वि) स३४ २ जना परिणाम पni ५५ डाय छे. (गंधओ) थी (सुब्भिगंधपरिणया वि) सुगध परिणाम पाणi ५४ डाय छ (दुन्भिगंधपरिणया वि) हुम परिणामी ५ डाय छ (फासओ) २५ थी (कक्कडफासपरिणया वि) ४४२० २५५° परिणाम શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧
SR No.006346
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages1029
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size59 MB
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