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प्रज्ञापनासूत्रे सानि ? गौतम ! स्वस्थानेन सप्तमु धनोदधिषु, सप्तमु घनोदधिवलयेषु । अधोलोके-पातालेषु भवनेषु भवनप्रस्तटेषु । अप्रलोके-कल्पेषु विमानेषु विमानावलिकासु विमानप्रस्तटेषु । तिर्यग्लोके-अवटेषु तडागेषु नदीषु हूदेषु वापीषु पुष्करिणीषु दीषिकासु गुञ्जालिकासु सरस्सु सरःपङ्क्तिकासु सरः सरः पङ्क्तिकासु बिलेसु बिलपङ्कक्तिकासु उज्झरेषु निझरेषु चिल्ललकेषु पल्वलेषु वप्रेषु द्वीपेषु पण्णत्ता ?) हे भगवन् ! बादर अप्कायिक पर्याप्तकों के स्थान कहां कहे हैं ? (गोयमा ! सहाणेणं) हे गौतम ! स्वस्थान की अपेक्षा से (सत्तसु घणोदहीसु) सात घनोदधियों में (सत्तसु घणोदहिवलएसु) सात घनोदधिवलयों में (अहोलोए) अधोलोक के अन्दर (पायालेसु) पातालों में (भवणेसु) भवनों में (भवणपत्थडेसु) भवनों के पाथडों में (उडलोए) ऊर्ध्वलोक के अन्दर (कप्पेसु) कल्पों में (विमाणेसु) विमानों में (विमाणावलियासु) आवलीबद्ध विमानों में (विमाणपत्थडेसु) विमानों के पाथडों में (तिरियलोए) तिर्छ लोक के अन्दर (अगडेसु) कुओं में (तलाएसु) तलाबों में (नदीसु) नदियों में (दहेसु) हूदों में (वावीसु) वावडियों में (पुक्खरिणीसु) गोलाकार वावड़ियों में (दीहियासु) लम्बी वावडियों में (गुंजालियासु) गोल वावडियों में (सरेसु) तालाबों में (सरपंतियासु) पंक्तिबद्ध तालाबों में (सरसरपंतियासु) नाली द्वारा जिनमें कूप का जल बहता है ऐसे पंक्तिबद्ध तलाबों में (विलेसु) बिलों में (बिलपंतियासु) बिलों की पंक्तियों में (उज्झरेसु) पहाडी जल के प्रसव स्थानों में (निज्झरेसु) झरनों में (चिल्ललेसु) गडहों में (पल्ललेसु) मा६२ २५१.४॥यि ४ पर्यायाना थान ४या ४i छ ? (गोयमा सटाणेण) 3 गौतम ! स्वस्थाननी अपेक्षामेथी (सत्तसु घणोदहीसु) सात घनधियोम (सत्तसु घणा दहि वलएसु) सात धाथि सयोमा (भवणेसु) सपनामा (अहोलोए) अधी सोनी २४२ (पायालेसु) पातामा (भवणपत्थडेसु) अपनाना प्रस्तरामा (उड्ढ लोए) Graनी ४२ (कप्पेसु) ४पामा (विमाणेसु) विमानामा (विमाणा वलियासु) ५तिमद्ध विमानामा (विमाणपत्थडेसु) विमानाना प्रस्तरीमा (तिरियलोए) तिनी म४२ (अगडेसु) सुवासभा (तालाएम) daliwi (नदीस) नहीयामा (दहेसु) होमi (वावीसु) पावमा (पुक्खरिणीसु) २ पावामा (दीहियासु) inी वावमा (गुंजालियासु) गोवामां (सरेसु) तावमा (सरपंतियासु) पति पद तावामां (सरसरपंतियासु) नजी द्वारा मां अवानु पाणी प छ मेवा पति मद्ध तामi (बिलेसु) मीराम (बिल पंतियासु) गोवानी पतियोमा (उज्झरेसु) ५४ी ना उत्पत्ति स्थानमा
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧