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________________ ४२४ प्रज्ञापनासूत्रे भूमगार, अंतरदीवगा३ । से किं तं अंतरदीयगा? अंतरदीवगा अट्रावीसविहा पण्णत्ता, तं जहा-एगोरुया १, आहासिया २, वेसाणिया३, णंगोलिया४, हयकण्णा५, गयकण्णा६, गोकण्णा७, सक्कुलिकण्णा८, आयंसमुहा१०, अयोमुहा११, गोमुहा१२, आसमुहा१३, हस्थिमुहा१४, सीहमुहा१५, वग्घमुहा१६, आसकण्णा१७, हरिकण्णा९८, अकण्णा१९, कण्णपाउरणा२०, उक्का. मुहा२३, विज्जुदंता२४, धणदंता२५, लटुदंता२६, गूढदंता२७, सुद्धदंता२८। से तं अंतरदीवगा।१। से किं तं अकम्मभूमगा? अकम्मभूमगा तीसविहा पण्णत्ता, तं जहा-पंचहिं हेमयएहिं५, पंचहिं हिरण्णवएहिं५, पंचहिं हरियासेहिं५, पंचहिं रम्गवासेहिं५, पंचहिं देवकुरूहिए, पंचहिं उत्तरकुरू हिं५।६४५=३०। से तं अकम्मभूमगा सू०३६॥ छाया-अथ के ते गर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याः ? गर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्यास्त्रिविधा प्रज्ञप्ताः, तद्यथा-कर्मभूमकाः १, अकर्मभूमकाः २, अन्तरद्वीपकाः । अथ के ते अन्तरद्वीपकाः ? अन्तरद्वीपका अष्टाविंशतिविधाः, प्रज्ञप्ताः, तद्यथा शब्दार्थ-(से किं तं गम्भवक्कंतियमणुस्सा ?) गर्भज मनुष्य कितने प्रकार के होते हैं ? (गम्भवक्कंतियमणुस्सा तिथिहा पण्णत्ता) गर्भज मनुष्य तीन प्रकार के कहे हैं (तं जहा) वे इस प्रकार हैं (कम्मभूमगा) कर्मभूमि में उत्पन्न (अकम्मभूमगा) अकर्मभूमि में उत्पन्न (अंतरदीवगा) अन्तर्वीपों में उत्पन्न ।। (से किं तं अंतरदीयगा?) अन्तर्वीप में उत्पन्न होने वाले कितने प्रकार के हैं ? (अट्ठावीसविहा पण्णत्ता तं जहा) अट्ठाईस प्रकार के कहे 4-(से किं गब्भवक्कंतियमणुस्सा) म मनुष्य ८६॥ ४२॥ थाय छ ? (गब्भवक्कंतियमगुस्सा तिविहा पण्णत्ता) | मनुष्य त्राण प्रान। पडसा छ (तं जहा) ते २१॥ ४॥२ छ (कम्मभूमगा) भभूमिमा उत्पन्न (अकम्मभमगा) मम भूमिमा पन (अंतरदीवगा) त२ दीयोमा उत्पन्न. (से किं तं अंतरदीवगा) २मन्तर द्वीपमा उत्पन्न थना। टस ५४।२छे (अदावीसविहा पण्णत्ता तं जहा) मध्यावास प्रा२ना या छ म (एगो શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧
SR No.006346
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages1029
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size59 MB
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