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________________ १५२ प्रज्ञापनासूत्रे लघुकस्पर्शपरिणता अपि४, शीतस्पर्शपरिणता अपि५, उष्णस्पर्शपरिणता अपि६, स्निग्धस्पर्शपरिणता अपि७, रूक्षस्पर्शपरिणता अपि८।२०॥ ये संस्थानत आयतसंस्थानपरिणता स्ते वर्णतः कालवर्णपरिणता अपि१, नीलवर्णपरिणता अपि२, लोहितवर्णपरिणता अपि३, हारिद्रवर्णपरिणता अपि४, शुक्लवर्णपरिणता अपि५। गन्धतः सुरमिगन्धपरिणता अपि१, दुरमिगन्धपरिणता णाम वाले भी हैं (मउयफासपरिणया चि) मृदुस्पर्श परिणामयाले भी हैं (गरुयफासपरिणया वि) गुरु स्पर्श परिणामयाले भी हैं (लहुयफासपरिणया वि) लघुस्पर्श परिणामवाले भी हैं (सीयफासपरिणया वि) शीतस्पर्श परिणामवाले भी हैं (उसिणफासपरिणया वि) उष्णस्पर्शपरिणामयाले भी हैं (णिद्धफासपरिणया वि) स्निग्धस्पर्श परिणामयाले भी हैं (लुक्खफासपरिणया वि) रूक्षस्पर्श परिणामवाले भी हैं (जे) जो (संठाणओ) संस्थान से (आययसंठाणपरिणया) आयत संस्थान परिणाम वाले हैं (ते) वे (वण्णओ) वर्ण से (कालवण्णपरिणया वि) कृष्ण वर्ण परिणाम वाले भी हैं (नीलपण्णपरिणया थि) नीले वर्ण परिणाम वाले भी हैं (लोहियवण्णपरिणया वि) लाल वर्ण परिणाम वाले हैं (हालिद्दरणपरिणया वि) पीत वर्ण परिणाम वाले भी हैं (सुकिल्लवण्णपरिणया वि) श्वेत वर्ण परिणाम वाले भी हैं। (गंधओ) गंध से (सुन्भिगंधपरिणया वि) सुगंध परिणाम वाले भी हैं (दुन्भिगंध परिणया वि) दुर्गध परिणाम वाले भी हैं। ५४ छ (मउयफासपरिणया वि) २५० ५.२५i पशु छ (गरुयफासपरिणया वि) शु३ २५ परिणामi ५४ छ (लहुयफासपरिणया वि) वधु २५श परिणामा ५४ छ (सीयफासपरिणया वि) शीत २५० परिणामवाण पाणु छ (उसिणफासपरिणया वि) S९४ २५ परिमाण ५५ छ (णिद्धफासपरिणया वि) स्निग्ध २५श परिमami ५५ छ (लुक्खफासपरिणया वि) ३६ (४४१२) સ્પર્શ પરિણામવાળાં પણ છે. (जे) या (संठाणओ) सस्थानथी (आययसंठाणपरिणया) सायत संस्थान परिणामवाण छ (ते) तेसो (वण्णओ) २गेशन (कालवण्णपरिणया वि) ॥ २ना परिमाण ५ छ (नीलवण्णपरिणया वि) elan २ परिणामवाण ५५ छ (लोहियवण्णपरिणया वि) पर ना ५२माi पY छ (हालिद्दवण्णपरिणया वि) पापा २ाना ५२मा ५५ छ (सुक्किल वण्णपरिणया वि) स३४ २ना ५२माजi ५४ छ. (गंधओ) थी (सुभिगंधपरिणया वि) सुजय ५२ मा ५४ छ. શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧
SR No.006346
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages1029
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size59 MB
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