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________________ १५० यस प्रशापनासूत्रे अपि। रसतस्तिक्तरसपरिणता अपि१, कटुकरसपरिणता अपि२, कषायरसपरि. णता अपि३, अम्लरसपरिणता अपि४, मधुररसपरिणता अपि। स्पर्शतः कर्कशस्पर्शपरिणता अपि१, मृदुकस्पर्शपरिणता अपि२, गुरुकस्पर्शपरिणता अपि३, लघुकस्पर्शपरिणता अपि ४, शीतस्पर्शपरिणता अपि ५, उष्णस्पर्शपरिणता अपि ६, स्निग्धस्पर्शपरिणता अपि७, रूक्षस्पर्शपरिणता अपि८।२०॥ ये संस्थानत श्चतुरस्रसंस्थानपरिणता स्ते वर्णतः कालवर्णपरिणता अपि१; भी हैं (दुन्भिगंधपरिणया यि) दुर्गध परिणाम वाले भी हैं (रसओ) रस से (तित्तरसपरिणया वि) तिक्त रस परिणाम वाले भी हैं (कडयरसपरिणया वि) कटुक रस परिणाम वाले भी हैं (कसायरसपरिणया वि) कषाय रस परिणाम वाले भी हैं (अंबिल. रसपरिणया वि) अम्ल रस परिणाम वाले भी हैं (महररसपरिणया वि) मधुर रस परिणाम वाले भी हैं। (फासओ) स्पर्श से (कक्खडफासपरिणया वि) कर्कश स्पर्श परिणाम वाले भी हैं (मउयफासपरिणया वि) मृदु स्पर्श परिणाम वाले भी हैं (गरुयफासपरिणया वि) गुरु स्पर्श परिणाम वाले मी हैं (लहयफासपरिणया वि) लघु स्पर्श परिणाम वाले भी हैं (सीयफासपरिणया वि) शीत स्पर्श परिणाम वाले भी हैं (उसिणफासपरिणया वि) उष्ण स्पर्श परिणाम वाले भी हैं (गिद्धफासपरिणया वि) स्निग्ध स्पर्श परिणाम वाले भी हैं (लुक्खफासपरिणया वि) रूक्ष स्पर्श परिणाम वाले भी हैं। (दुभिगंधपरिणया वि) हुन्ध परिमाण ५४ छ. (रसओ) २सथी (तित्तरसपरिणया वि) तितरसना परिणामवाण छ (कडुयरसपरिणया वि) ४७वारसना परिणामा ५५ छ. (कसायरसपरिणया वि) १२॥ २सना परिमाणां ५५ छ (अंबिलरसपरिणया वि) माटा २सना परिमा ५५ (महुररसपरिणया वि) मधु२२सना परिणामवाण ५९ छ. (फासओ) २५४थी (कक्खडफासपरिणया वि) ४४० २५०° परिणामयाजा ५ (मउयफासपरिणया वि) भृढ २५श ५२७ मा ५४ छ (गरुयफास परिणया वि) शु३ २५श ५२भिवi पर छे (लहुयफासपरिणया वि) सधु २५ परिणामवाण पशु छे (सीयफासपरिणया वि) शीत २५श परिमाण ५५ छ (उसिणफासपरिणया वि) ! २५ परिणामवाण ५५ छ (णिद्धफास परिणया वि) सिन५ २५० परिणामपामा ५ छ (लुक्खफासपरिणया वि) ३६ સ્પર્શ પરિણામવાળાં પણ છે. (जे) ॥ (संठाणओ) संस्थानथी (चउरंससंठाणपरिणया) योरस શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧
SR No.006346
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages1029
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size59 MB
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