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________________ ___प्रज्ञापनासूत्रे वर्णपरिणता अपि५। गन्यतः सुरभिगन्धपरिणता अपि१, दुरभिगन्धपरिणता अपि२, कर्कशस्पर्शपरिणता अपि१, मृदुकस्पर्शपरिणता अपि२, गुरुस्पर्शपरिणता अपि३, लघुकस्पर्शपरिणता अपि४, शीतस्पर्शपरिणता अपि५, उष्णस्पर्शपरिणता अपि६, स्निग्धस्पर्शपरिणता अपि७, रूक्षस्पर्शपरिणता अपि८) संस्थानतः-परिमण्डलसंस्थानपरिणता अपि१, वृत्तसंस्थानपरिणता अपिर, ज्यस्रसंस्थानपरिणता अपि४, आयतसंस्थानपरिणता अपि५ २०११००॥ ७॥ टीका-अथ गन्धमधिकृत्य षट्चत्वारिंशद् भङ्गान् प्रतिपादयितुमाह-'जे गंधओ सुब्भिगंधपरिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया वि, णीलवण्णपरिणया ___(फासओ) स्पर्श से (कक्खडफासपरिणया वि) कर्कश स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (मउयफासपरिणया वि) मृदुस्पर्श परिणमनचाले भी हैं (गरुयफासपरिणया वि) गुरुस्पर्श परिणमनवाले भी हैं (लहुयफासपरिणया वि) लघु स्पर्श परिणमनयाले भी हैं (सीयफासपरिणया वि) शीतस्पर्श परिणमनवाले भी हैं (उसिणफासपरिणया वि) उष्ण स्पर्श परिणमनवाले भी हैं (णिद्धफासपरिणया वि) स्निग्धस्पर्श परिणमनवाले भी हैं (लुक्खफासपरिणया वि) रूक्ष स्पर्शपरिणमनयाले भी हैं __(संठाणओ) संस्थान से (परिमंडलसंगणपरिणया वि) परिमंडल संस्थान परिणमनयाले भी हैं (वसंठाणपरिणया वि) वृत्त संस्थान परिणमनवाले भी हैं (तंस संठाणपरिणया वि) त्रिकोण संस्थान परिणमनवाले भी हैं (चउरंससंठाणपरिणया वि) चतुष्कोण संस्थान परिणमनवाले भी हैं (आययसंठाणपरिणया वि) आयत संस्थान परिणमन चाले भी हैं ॥सू० ७॥ (फासओ) २५श थी (कक्खडफासपरिणया वि) ४४० २५ परिणामी ५५ छ (मउय फासपरिणया वि) भृढ २५श परिणाम पाणi ५९ छ (गरुयफास परिणया वि) गु३ २५२ ५२म पाणi ५४ छ (लहुयफासपरिणया वि) सधु २५ परिणाम पाni ५४ छ (सीयफासपरियणया वि) शीत २५ परिणाम पा ५४ छ (उसिणफासपरिणया वि) Buy २५ परिणाम प ५४ छ (गिद्धफासपरिणया वि) स्नि५ २५२० परिणाम पाण५५४ छ (लुक्खफासपरिणया वि) ३त्र २५ परिणाम mi ५४ छे. (संठाणओ) सथानथी (परिमंडलसंठाणपरिणया वि) परिभस संस्थान परिणाम ani ५४ छ (वट्टसंठाणपरिणया वि) वृत्त संस्थान परिणाम पाणi पा छे (तंससंठाणपरिणया वि) (2ी संस्थान ५२म. वाण छ (चउरंस संठाणपरिणया वि) यतु सथान परिणाम पाणां छ (आययसंठाणपरिणया वि) मायत संस्थान परिणाम पाणां ५५ छ. ॥ सू. ७ ॥ શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧
SR No.006346
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages1029
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size59 MB
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