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प्रमेयद्योतिका टीका प्र.३ उ.३सू.४७ औत्तरदिग्वयंसुरकुमारनिरूपणम् ७४३ देवसहम्सा पण्णत्ता' माध्यमिकायां द्वितीयस्यां चण्डाभिधानायां पर्षदि कतिकियत्संख्यकानि देवसहस्राणि प्रज्ञप्तानि 'जाव बाहिरियाए परिसाए कइ देवि सया पण्णत्ता' यावद् बाह्यायां पर्षदि कति देवीशतानि प्रज्ञप्तानि, अत्र यावत्पदेन 'बाहिरियाए परिसाए क इ देवसहस्सा, अभितरियाए परिसाए कइ देविसया, मन्झिमियाए परिसाए कइ देविसया' इति सग्राह्यम् बाह्वायां तृतीयस्यां जाताभिधानायां पर्षदि कति देवसहस्राणि प्रज्ञप्तानि, तथा-आभ्यन्तरिकायां समितायां पर्षदि कति देवी शतानि प्रज्ञप्तानि, माध्यमिकायां चण्डायां पर्षदि कति देवीशतानि प्रज्ञप्तानि तथा बाहूयायां तृतीयस्यां जाताभिधानाया पर्षदि कति देवी शतानि प्रज्ञप्तानीति प्रश्न: भगवानाह-'गोयमा' इत्यादि, 'गोयमा' हे गौतम ! 'बलिस्स ण वइरोयणिदस्स वइरोयणरन्नो' बलेः खलु वैरोचनेन्द्रस्य वैरोचनराजस्य 'अभितरियाए परिसाए वीसं देवसहस्सा पन्नत्ता' आभ्यन्तरिकायां कितने हजार देव कहे गये हैं ? 'जाव बाहिरियाए परिसाए कइ देवि. सया पन्नत्ता' बाह्य परिषदा के देवों की संख्या के प्रश्न को लेकर बाह्य परिषदा के देवियों के प्रश्न तक का पाठ यहां लेना चाहिये जैसे'बाहिरियाए परिसाए कइ देव सहस्सा पण्णत्ता' इत्यादि । बाह्य परिषदा में कितने हजार देव कहे गये हैं ? तथा वैरोचनेन्द्र वैरोचनराजलि की आभ्यन्तर परिषदा में कितनी सौ देवियां कही गई हैं ? मध्यमा परिषदा में कितनी सौ देवियां कही गई हैं तथा बाह्य परिषदा में कितनी सौ देवियां कही गई हैं। इसके उत्तर में प्रभुश्री कहते हैं -'गोयमा' बलिस्स णं वइरोयणिदस्स वइरोयणरनो अभितरियाए परिसाए वीसं देवसहस्सा पण्णत्ता' हे गौतम' वैरोचनेन्द्र वैरोचनराजबलि की आभ्य. परिसाए कइ देव सहस्सा पण्णत्ता' हे भगवन् वैशयनेन्द्र वैरायन२४ मत छन्द्रनी भात्यन्त२ परिषदामा २ हेवे। ४ामा मावेस छ ? 'जाव बाहिरियाए परिसाए कइ देविसया पण्णत्ता' मा परिहान वानी सध्याना પ્રશ્નથી લઈને બાહ્ય પરિષદાની દેવિયેની સંખ્યાના પ્રશ્ન સુધિને પાઠ અહિયાં अड ७२ नये. म 'बाहिरियाए परिसाए कइ देव सहस्सा पण्णत्ता' ઈત્યાદિ બાહ્ય પરિષદામાં કેટલા હજાર દે કહેવામાં આવેલ છે ? તથા વરેચનેન્દ્ર વૈરેચનરાજ અલીન્દ્રની અ ભ્યન્તર પરિષદામાં કેટલા સે દેવિયે કહેલ છે ? મધ્યમ પરિષદામાં કેટલા સે દેવિ કહેવામાં આવેલ છે? તથા બાહ્ય પરિષદામાં કેટલા સો દેવિ કહેલ છે ? આ પ્રશ્નના ઉત્તરમાં પ્રભુશ્રી
हे छ में 'गोयमा! बलिस्स णं वइरोयजिंदस्स वइरोयणरण्णा अभिंतरियाए परिसाए वीसं देव सहस्सा पण्णत्ता' हे गौतम ! वैरायनेन्द्र वैरायन२४
જીવાભિગમસૂત્ર