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________________ प्रमेयद्योतिका टीका प्रति०१ त्रसकायिकजीवानां शरीरादिद्वारनिरूपणम् १६९ कायिका निरूपिताः । 'सेतं बायरवणस्सइकाइया' ते एते बादरवनस्पतिकायिकाः कथिताः । 'से तं थावरा' ते एते स्थावरजीवाः निरूपिता इति ॥सू० १५॥ पृथिब्यब्वनस्पतिकायिकरूपान् स्थावरान् निरूप्य त्रसप्रतिपादनार्थं प्रश्नयन्नाह'से कितं तसा' इत्यादि । मूलम्-‘से किं तं तसा ? तसा तिविहा पन्नत्ता तं जहा-तेउकाइया वाउकाइया ओराला तसा पाणा । से किं तं तेउक्काइया, तेउक्काइया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा-सुहुमतेउक्काइया य बायरतेउक्काइया य । से किं तं सुहुमतेउकाइया सुहुमतेउकाइया जहा सुहुमपुढविकाइया । नवरं सरीरंगा सूईकलावसंठिया। एगगइया दुआगइया परित्ता असंखेज्जा पन्नत्ता, सेस् तं चेव, सेत्तं सुहुमतेउक्काइया से किं तं बायरतेउक्काइया, बायरतेउक्काइया अणेगविहा पन्नत्ता, तं जहा-इंगाले जाले मुम्मुरे जाव सूरकंतमणिनिस्सिए, जे यावन्नेतहप्पगारा ते समासओ दुविहा पन्नत्ता. तं जहा-पज्जत्तगा य अपज्जत्तगा य। तेसि णं भंते ! जीवाणं कइ सरीरगा पन्नत्ता, गोयमा ! तओ सरीरगा पन्नत्ता, तं जहा-ओरालिए, तेयए कम्मए, सेसं तं चेव सरीरगा सूईकलावसंठिया, तिन्नि लेस्सा, ठिई जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं तिन्नि राइंदियाई तिरियमणुस्सेहितो उववाओ सेसं तं चेव एगगइया दुआगइया परित्ता असंखेज्जा पन्नत्ता. सेतं तेउक्काइया, ॥सू० १६॥ से यह साधारण शरीर बादर बनस्पतिकायिक का वर्णन हुआ ‘से तं वायरवणस्सइकाइया' इस प्रकार बादरवनस्पतिकायिक भी निरूपित किये गये हैं। "से तं थावरा' इनके निरूपित होने पर स्थावरों का निरूपण हो गया । |सू० १५।।। माशते मा साधारण शरी२ मा२वनस्पतियोनु वा न थयु, “से तं बायरवणस्सइकाइया" भारीत ६२ वनस्पतिथि: वोनु नि३५६५ ४२वाभा माव्यु छे. "से तं थावरा' अने से प्रभारी स्था१२ वनस्पतिथि वोनुपए नि३५९॥ सभ दे. ॥ सू. १५॥ જીવાભિગમસૂત્ર
SR No.006343
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages656
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size37 MB
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