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________________ ४१८ औपपातिकसूत्रे पुरओ महं आसा आसवरा उभओ पासिं णागा णागवरा पिट्टओ रहसंगेल्ली ॥ सू० ५१ ॥ मूलम्-तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते अब्भुगयभिंगारे पग्गहियतालयंटे ऊसविय-सेय-च्छत्ते पवीइयसंप्रस्थिताः, 'उभओ पासिं' उभयोः पार्श्वयोः वामदक्षिणयोः ‘णागा' नागाः-महान्तो गजाः ‘णागवरा' नागवराः जात्या शृङ्गारेण च वराः श्रेष्ठा गजाः संप्रस्थिताः, तथा'पिट्ठओ' पृष्ठतः= रहसंगेल्ली' रथगेल्ली रथसमूहः संप्रस्थितः । 'संगेल्ली' इति समूहवाचको देशीयः शब्दः ॥ सू० ५१ ॥ टोका-'तए णं से' इत्यादि । 'तए णं से कूणिए राया भंभसारपुत्ते' ततः खलु स कूणिको राजा भंभसारपुत्रः "अब्भुग्गयभिंगारे' अभ्युद्गतभृङ्गारः-अभ्युद्गतः पुरतः प्रस्थितः भृङ्गारः= झारी' इति प्रसिद्धं जलपात्रं यस्य स तथा 'पग्गहियतालयंटे' प्रगृहीततालवृन्तः-प्रगृहीतं तालवृन्तं यस्मै स प्रगृहीततालवृन्तः । 'ऊसवियसेय-च्छत्ते' उच्छ्रितश्वेतच्छत्रः-'ऊसविय' उच्छ्रितम्-उपरि वितानितं श्वेत-धवलं छत्रं वरा) तथा उनके दोनों तरफ बड़े २ हाथी एवं जाति से और शृंगार से श्रेष्ठ गजराज चलने लगे, और (पिट्ठओ) उनके पीछे २ (रहसंगेल्ली) रथका समूह चला ॥ ५१ ॥ 'तए णं से कूणिए राया' इत्यादि । (तए णं) उसके बाद (से कूणिए राया भंभसारपुत्ते) भंभसार के पुत्र वे कूणिक राजा कि, जिनके आगे (अभुग्गयभिंगारे) जल से भरी हुईं झारिया थीं, (पग्गहियतालयंटे) जिनके दोनों ओर पवनपंखे हो रहे थे, (ऊसविय-सेय-छत्ते) जिनके ऊपर श्वेत छत्र धरा हुआ था, तथा (पवीइय-बाल-बोयगीए) जिनके ऊपर वाल-व्यजन अर्थात् चमर ढोरा जा रहा था, साया. (उभओ पासिं णागा णागवरा) तथा तभनी भन्ने त२३ भोटा मोटर थी तेभन तिथी श॥२थी श्रेष्ठ ११४२०४ यासपा साया. तथा (पिट्टओ) तमनी पा७१ पाछ५ (रहसंगेल्ली) २थन। समूड यादया. (सू. ५१) "तए णं से कूणिए राया" ईत्याहि (तए णं) त्या२ पछी (से कूणिए राया भंभसारपुत्ते) मलसाना पुत्र ते दूणि शत ना मा ( अब्भुग्गयभिंगारे ) Aथा मरेकी आरीम। डती, (पग्गहियतालयंटे) नी भन्ने मान्नु पवन५ मा २७ २। उता, (ऊसविय-सेय-छत्ते) । ७५२ श्वेत छ घरेलु तु, तथा (पवीइयवालवीय
SR No.006340
Book TitleAgam 12 Upang 01 Auppatik Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages824
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_aupapatik
File Size24 MB
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