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पीयूषवर्षिणो-टीका सू. ४८ कूणिकस्य वस्त्रादि धारणम्
३९५ वसाणे पम्हल-सुकुमाल-गंध-कासाइय-लूहियंगे सरस-सुरहिगोसीस-चंदणा-णुलित्त-गत्ते अहय-सुमहग्घ-दूस-रयण-सुसंवुए रक्षाबन्धनादीनां शतैः बहुविधैर्युक्तः 'कल्लाणग-पवर-मज्जणा-वसाणे' कल्याणकप्रवरमजनावसाने, स्नानानन्तरमित्यर्थः; 'पम्हल-सुकुमाल-गंध-कासाइय-लूहियंगे' पल्मल-सुकुमार-गन्धकाषायिका-रूक्षिताऽङ्गः, पदमला-उत्थितसूक्ष्मतन्तुसमूहयुक्ता, सा च सुकुमारासुकोमला गन्धवती च एतादृशी या काषायिका कषायरक्तशाटिका-अङ्गप्रोञ्छनिका तया रूक्षिताङ्गः-निर्जलीकृतशरीरः, 'सरस-सुरहि-गोसीस-चंदणा-णुलित्तगत्ते' सरस-सुरभि-गोशीर्ष-चन्दना-नुलिप्त-गात्रः, तत्र-गोशीर्षचन्दनं गोशीर्षनाम्ना प्रसिद्ध चन्दनम् । 'अहय-सुमहग्ध-दूस-रयण-सुसंवुए' अहत-सुमहार्य-दूष्य-रत्न-सुरवृतः-अहतम्-अखण्डितं कीटमूषिकादिभिरकर्तितं नूतनमिति भावः, सुमहायं बहुमूल्यं यद् दूष्यरत्न प्रधानवस्त्रं तेन सुवृतः सुष्टु आच्छादितः, परिधृतनूतनबहुमूल्यवस्त्र इत्यर्थः । दोष निवारणार्थ रक्षाबंधनादिकों के अनेक प्रकारों से युक्त उन राजा ने (कल्लाणग-पवरमज्जणा-वसाने) जब उस कल्याणकारक श्रेष्ठ स्नान की समाप्ति हो चुकी तब (पम्हलसुकुमाल-गंध-कासाइय-लूहियंगे) पक्ष्मल-उठे हुए कोमल तंतु वाले सुकुमार एवं सुगंधित कषाय रंग की तोलिया से अपने समस्त शरीर को पोछा । पश्चात् (सरस-सुरहिगोसीसचंदणा-णुलित्त-गत्ते ) समस्त शरीर पर सरस सुगंधित गोशीर्षचंदन का लेप किया । (अहय-मुमहग्घ-दूसरयण-सुसंवुए) जब लेप अच्छी तरह से शुष्क हो चुकातब अहत-कीटमूषक आदि से नहीं काटे गये, नवीन-ऐसे बहुमूल्य प्रधान वस्त्रों को उन्होंने शरीर पर धारण किया । (सुइ-माला-वण्णग-विलेवणे) पश्चात् शुद्धपुष्पों की माला बहुविहे हिं) ते अवसरे विविध प्रश्ना मने कौतु। 43-दृष्टिष-निवा२॥ २क्षामनाहि मने प्रा२युत ते शनये (कल्लाणग-पवर-मज्जणा•वसाने) या२ ते ४८या २४ श्रेष्ठ स्नाननी समाप्ति यु४ी त्यारे (पम्हल सुकुमाल-गंधकासाइय-लूहियंगे) ५६मस-पसी मासा सुवाणां सुतरवा કોમળ તેમજ સુગંધિત કષાય રંગના ટુવાલ વડે પિતાનાં સમસ્ત શરીરને दुध नाभ्यु. पछी (सरस-सुरहि-गोसीस-चंदणा-णुलित्त-गत्ते) समस्त शरी२ ५२ स२स तेम०४ सुधित गाशीष यहननी वे५ ४यो. (अहय-सुमहग्ध-दूसरयणसुसंवुए) न्यारे A५ सारी रात सुबई गयो त्यारे मत-४ीटभूष४ (श्री. કે ઉંદર) આદિથી કપાયેલાં નહિ એવાં, નવીન–એવાં બહુકિંમતી વસ્ત્રોને तेमणु शरी२ ५२ धा२५ ४ा. (सुइ-माला-वण्णग-विलेवणे) पछी शुद्ध पानी