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औपचाक्षिकसत्रे मूलम्--तए णं से णयरगुत्तिए बलवाउयस्स एयमद्वं (सोना) आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ, पडिसुणित्ता चंपं गरि सभितरबाहिरियं आसित्त जाव कारवेत्ता जेणेव
टीका–'तए णं' इत्यादि। 'तए णं से णयरगुत्तिए' ततः खलु स नगरगुप्तिको 'बलवाउयस्स एयमहें' बलयापृतस्यैतमर्थ 'सोचा' श्रुत्वा 'आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ'. आज्ञाया विनयेन वचनं प्रतिशृणोति, 'पडिसुणित्ता चंपं गयरिं सभितरबाहिरियं आसित्त जाव कारवेत्ता' प्रतिश्रुत्य चम्पां नगरी साभ्यन्तरबाह्यामासिच्य यावत् कारयित्वा 'जेणेव बलवाउए तेणेव उवागच्छइ' यत्रैव बलव्यापृतस्त
'तए णं से णयरगुत्तिए' इत्यादि ।
" (तए णं) इसके बाद ( से णयरगुत्तिए) उस नगररक्षक कोटवालने (बलवाउयस्स) सेनापति के ( एयमहें) नगर की सफाई कराने के आदेश को ( सोच्चा) सुनकर (आणाए वयणं विणएणं) आज्ञा के वचन को बड़े विनय के साथ (पडिमुणेइ) स्वीकार किया। (पडिसुणित्ता चंपं णयरिं सभितरवाहिरियं) स्वीकार करने बाद ही उसने चंपानगरी के भीतर बाहिर सब तरफ से ( आसित्त जाव कारवेत्ता) सफायी करवा दी। पहिले उसने उसे सब जगह पानी के छिड़काव से सिंचवाया। गली-कूचों में जो कूड़ा-करकट पड़ा हुआ था उसकी सफाई करवाई। बाजारों के रास्तों को तथा नालियों को अच्छी तरह से झाड़-पोछकर साफ करवाया, मतलब यह कि सफाई में किसी भी तरह की त्रुटि नहीं रखी। जब नगरी अच्छी तरह भीतर-बाहिर से साफ हो
" तए णं से णयरगुत्तिए" पत्यादि.
(तए ण) त्यार पछी (से णयरगुत्तिए) ते ना२२६४ 24ta (बलवाउयस्स) सेनापतिना (एयम8) नगरनी स॥ ४२१वान। माहेशने (सोच्चा) सीने (आणाए वयण विणएण) मांज्ञाना. यनाने सविनयपूर्व ४ (पडिसुणेई) स्वी ४२. ४ो, (पडिसुणित्ता चंप णयरिं सभितरबाहिरिय) स्वी४.२ ४ा पछी ४ तेणे यपानगरानी मह२ मने महा२ मधी त२३थी (आसित्त जाव कारवेत्ता) संश કરાવી લીધી. પહેલાં તેણે તેમાં બધી જગાએ પાણીનો છંટકાવ કરાવ્યા, ગલીગુંચીમાં જે કચરે પૂજે પડયે હતું તેની સફાઈ કરાવી. બજા-- રેના રસ્તા સારી રીતે વાળઝુડ કરી સાફ કરાવ્યા. મતલબ એ કે સફાઈમાં કેઈપણ પ્રકારની ત્રુટિ રાખી નહિ. જ્યારે નગરી સારી રીતે અંદર અને