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विपाकचन्द्रिका टीका, श्रु० १, अ० ७, उदुम्बरदत्तवर्णनम् सार्थवाहानाम् , 'अन्नेसिं च बहूणं' अन्येषां च बहूनां 'दुब्बलाण य' दुर्बलानां= बलरहितानां च, 'गिलाणाणे य' रलानानां क्षीणवीर्याणां च, 'वाहियाण य' व्याधितानां-सद्योघाति-ज्वर-श्वास-कास-दाहा-तिसार-भगन्दर-शूलाजीणव्याधियुक्तानां च, 'रोगियाण य' रोगिकानां चिरघातिज्वरातीसारादिरोगयुक्तानां च, 'अणाहाण य' अनाथानां च, असहायानां 'सणाहाण य' सनाथानां च 'समणाण य' श्रमणानां गैरिकशाक्यादीनां, 'माहणाण य' माइनानां याचकविशेषाणां 'भिक्खुगाण य' भिक्षुकाणां भिक्षावृत्तीनां च, 'करोडियाण य' करोटिकानां% कापालिकानां च, खपरधारिणामित्यर्थः, 'कप्पडियाण य' कार्पटिकानां जीर्णकन्याधारिणां च, 'आउराण य' आतुराणाम् असाध्यरोगपीडितानां च मध्ये 'अप्पेगइयाणं' अप्येकेषां कतिपयानां रोगिणां ‘मच्छमंसाई' मत्स्यमांसानि, लेकर सार्थवाह पर्यन्त मनुष्यों का 'अन्नेसिं च बहूणं दुब्बलाण य गिलाणाण य वाहियाण य रोगियाण य एवं अन्य बहुत से दुबैलों का, ग्लानां का, व्याधितों-प्राणोंका शीघ्र नाश करने वाले ज्वर, श्वास, कास, दाह, अतिसार, भगन्दर, शल, अजीर्ण आदि के रोगियोंका-देरसे नाश करनेवाले ज्वर, अतिसार, आदि रोगों से युक्त रोगियों का, अणाहाण य सणाहाण य समणाण य माहणाण य भिक्खुगाण य करोडियाण य कप्पडियाण य आउराणय०' अनाथों-जिनका कोई भी रक्षक नहींधाऐसेरोगियोका,सनाथोंजिनकी सेवा शुश्रूषा करने वाले घर में थे ऐसे रोगियों का, शाक्यादिक श्रमणोंका, माहनों याचकविशेषों का, भिक्षुक-भिक्षावृति करने वालों का, करोटिक-कापालिकों का, कार्पटिकों-जीर्णकन्था धारण करने वालों का और आतुरों-असाध्य रोग वालों का सब का-इलाज किया करता था। यह इन में से 'अप्पेगइयाणं मच्छमंसाइं उवदेसेइ' किन्हीं२ को च बहूणं दुब्बलाण य गिलाणाण य वाहियाण य रोगियाण य' प्रमाण બીજા ઘણાં દુબળાઓનાં, ગ્લાનેન, પ્રાણાના જલદી નાશ કરવાવાળા, જવર, શ્વાસ, ४१स, हाड, अतिसार, भगन्ह२, शूस, , माहिना भीमाना,
विनाश ४२वावा ४१२. मतिसा२, माहिशगाथा युत सीमाना, 'अणाहाण य सणाहाण य समणाण य माहणाण य भिक्खुगाण य करोडियाण य कप्पडियाण य आउ०' मनाया ने 15 २क्ष नथी सेवा सीमाना, सनाथानी सेवा शुश्रूषा કરનારા ઘરમાં હોય એવા રોગીઓના, શાયાદિ શ્રમણોના માહને ન્યાચકવિશેના, ભિક્ષુકભિક્ષાવૃત્તિ કરવાવાળાઓના કટિક-કાપાલિઓનાં, જીર્ણકળ્યા ધારણ કરનારાઓના અને असाध्यरोगवाजामाना से सोना मान या तो हता, ते समांथी 'अप्पेगइयाणं
શ્રી વિપાક સૂત્ર