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________________ -- - - - - - प्रश्नव्याकरणसूत्रे बिल्वलदेशोद्भवाः, 'पुलिंद ' पुलिन्दा:-पुलिन्ददेशोत्पन्नाः, ' अरोस' अरोषाः= अरोषदेशजाः, 'डोब' डोबा डोम्बदेशोद्भवाः, 'पोकण ' पोकणाः पोक्कणदेशभवाः, 'गंधहारग' गन्धहारकाः गन्धारदेशजाताः, 'बहलिय' बहलिकाः बहलीदेशोद्भवाः, जल्ला:-रोमाः मासाः 'बउस' बकुशाः मलयाः 'चुंचुया य' चुञ्चुकाश्च, 'चूलियग' चूलिकाः ‘कोकणग' कोकणकाः ‘कणग' कनकाः 'सेय' सयाः ' मेया ' मेदाः, 'पण्हव ' पह्नवाः, 'मालव' मालवाः 'महुरा' मधुराः, 'आमासिय' आभाषिकाः, 'अणक्ख' अनक्षाः 'वीण' चीनाः 'लासिय ' लासिकाः खसाः 'खासिय' खासिकाः 'नेहुर' निष्ठुराः 'मरहट्ट' महाराष्ट्राः 'मुहिअ ' मौष्टिकाः, 'आरवाः ' 'डोविलग' 'डोविलकाः, कुहणाः केकयाः, हूणाः, रोमग' 'रोमकाः 'रुरु' रुरवः ' मरुया' मरुकाः, 'जल्लाः" इत्यारभ्य मरुकपर्यन्ताः, एतेऽपि तत्तन्नामक म्लेच्छदेशविशेषोद्भवाः, 'चिलाय मनुष्य, (कोच) क्रौंच-क्रौंच देशमें उत्पन्न हुए मनुष्य, (अंध) आंध्र आंध्रदेश में उत्पन्न हुए मनुष्य, (दविल) द्राविड-द्राविडदेश में उत्पन्न हुए मनुष्य, (विल्लल) बिल्वल-इस नाम के देशमें उत्पन्न हुए मनुष्य, (पुलिंद) पुलिंद-पुलिंददेश में उत्पन्न हुए मनुष्य, (अरोस) अरोषअरोषदेशज (डोंब) डोंब-डोम्ष देशोद्भव मनुष्य, (पोकण) पोकण-पोकण नाम के देश में उत्पन्न हुए मनुष्य, (गंध) गन्धहारक-गन्धार देश में उत्पन्न हुए मनुष्य, (बहलिय) बहलिय-बहली नाम के देश में उत्पन्न हुए मनुष्य, इसी तरह (जल्ल) रोम, मास बकुश, मलय, चुच्चुक, लिक, कोंकणक, कनक, सेय, मेद, पह्नव, मालव, मधुर, आभिषक, अनक्ष, चीन, लासिक,खस, खासिक, निष्ठुर, महाराष्ट्र, मौष्टिक, आरव, डोविलक, कुणह, केकय, हूण, रोमक, रुरु, और मरुक, ये सब उस उस नाम के म्लेच्च देशविदेश में उत्पन्न हुए मनुष्य हैं । तथा (चिलाय काँच" य-श्रय देशमा समेत सी, “अंध" मांध्र-मां शमां भन्दा साठी, 'दविल" द्राविड-द्राविड शमां न्भेसावी, “विल्लल" मिक्सतनामना देशमा समेत यी, "पुलिंद" पुलि-पुसिशन सो, “अरोस" माशेष-भाष देशमा सन्ता, "डोंब" in-31 देशमा भन्सा, "पोकण" पो४- शनां सी, "गंध" -धार हेशमा न्भेसा सोडी, "बहलिय” मसिx-seी देशमा उत्पन्न थये दो, मे०४ रीते “जल्ल" रोम, भास, श, भसय, युयु, isyx, ४४ सय, मेह, ५४वण, भात, भधुर, मालाषि:, मनक्ष, यीन, सि, मस, मासिर, निष्ठ२, महाराष्ट्र. भौष्टि, मा२५, अविस, ९,४य, डूप, रोम, २२, अने भ२४ ते या ते तशमा भन्भेला सो छ. तथा, "चलाव वि सयवासी य" शिक्षात શ્રી પ્રશ્ન વ્યાકરણ સૂત્ર
SR No.006338
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1962
Total Pages1010
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_prashnavyakaran
File Size57 MB
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