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________________ विषय ॥ अन्तकृतदशाङ्गसूत्र की विषयानुक्रमणिका ॥ अनुक्रमाङ्क पृष्ठसंख्या अर्जुन में प्रविष्ट यक्षद्वारा बन्धुमती-सहित छ गौष्ठिक पुरुषों का विनाश । १८०-१८२ श्रेणिक राजा-द्वारा प्रजा को नगर से बाहर नहीं जानेकी घोषणा कराना । १८३-१८४ भगवान महावीर का समवसरण । १८५-१८७ भगवान के दर्शनके लिये जानेकी इच्छावाले मुदर्शन। सेठ का अपने मातापिता के साथ संवाद । १८८-१८९ भगवान के दर्शन के लिये जाते हुए सुदर्शन के समीप यक्ष का आना। १९०-१९१ सुदर्शन सेठ का साकारप्रतिमा-ग्रहण । १९२-१९४ यक्ष-द्वारा अर्जुन-माली के शरीर का त्याग । १९५-१९६ सुदर्शन और अर्जुनमाली का परिचय । १९७-१९८ सुदर्शन और अर्जुनमाली का भगवान् के दर्शन के लिये जाना। १९९-२०० अर्जुनमाली का दीक्षा और अभिग्रह का ग्रहण करना । २०१-२०२ लोगों द्वारा अर्जुन अनगार की निन्दा करना। २०३-२०४ अर्जुन अनगार का दूसरों द्वारा की गई निन्दा आदि । सहन करना। २०५-२०६ अर्जुन अनगार की सिद्धिपदप्राप्ति । २०७-२०८ मङ्काई-प्रभृति का चरित्र । २०९-२१३ अतिमुक्त अनगार का चारित्र । २१४-२२७ अलक्ष्य राजा का चरित्र । २२८-२३० नन्दा का चरित्र । २३१-२३४ अष्टम वगे का उपक्रम । २३५-२३७ कालीदेवी का चरित्र । २३८-२५१ सुकालीदेवी का चरित्र । २५२-२५४ શ્રી અન્નકૃત દશાંગ સૂત્ર
SR No.006336
Book TitleAgam 08 Ang 08 Antkrut Dashang Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages390
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_antkrutdasha
File Size18 MB
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