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दसवां संझिमहायुग्म शत नीललेश्यावाले कृतयुग्मकृतयुग्म संक्षिपञ्चेन्द्रिय
जीवों के उत्पत्ति का कथन ६७३-६७५ ११ वें से १४ पर्यन्त के संझिमहायुग्म शतक भवसिद्धिक एकेन्द्रिय के सात शतकों का कथन ६७६-६७७
पन्द्रहवां संज्ञिमहायुग्म शत अभवसिद्धिक कृतयुग्मकृतयुग्म संज्ञिपञ्चेन्द्रिय
जीवों के उत्पत्ति का कथन ६७८-६८४ दूसरा उद्देशक प्रथमसमय अभवसिद्धिक कृतयुग्मकृतयुग्म संधि
पञ्चेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन ६८५-६८७
सोलहवां संज्ञिमहायुग्म शत कृष्णलेश्यावाले अभवसिद्धिक कृतयुग्मकृतयुग्म
संक्षिपञ्चेन्द्रियों के उत्पत्ति का कथन ६८८-६९०
१७ से २१ पर्यन्त के महायुग्म शत नील, कापोत आदि छह लेश्यायुक्त __ अभवसिद्धिकों के उत्पत्ति आदि का कथन ६९१-६९६
४१ वां शतक का प्रथम उद्देशा राशियुग्म का निरूपण
६९७-७१७ दूसरा उद्देशा सशियुग्म योजनैरयिकों के उत्पाद का निरूपण ७१८-७२२
तीसरा उद्देशा राशियुग्म द्वापरयुग्मराशिवाले नैरयिकों के
उत्पाद का कथन ७२३-७२५ चौथा उद्देशा राशियुग्म कल्योज नैरयिकों के उत्पाद का निरूपण ७२६-७२८
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શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭