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________________ ८७ ८८ ८९ ९२ ९३ ९४ ९५ ९६ ११ दूसरा कृष्णलेश्व संज्ञिपश्ञ्चेन्द्रिय महायुग्म शतक कृष्णलेवावाले कृतयुग्मकृतयुग्म संज्ञिपञ्चेन्द्रिय आदि के उत्पत्ति का कथन प्रथमसमय कृतयुग्मकृतयुग्भ संज्ञिपवेन्द्रियों के उत्पत्ति का कथन अप्रथमसमय से लेकर चरमाचरम पर्यन्त के उद्देशकों का कथन तीसरा संमिहायुग्म शतक नीलश्यायुक्त कृतयुग्ग कृतयुग्म संज्ञिपञ्चेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन चतुर्थ संज्ञिमहायुग्म शत कापोतले श्यावाले कृतयुग्न युग्मसंज्ञिपञ्चेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन पांचवां महायुग्म शत तेजोलेश्यावाले कृतयुग्म संशिपञ्चेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन छट्ठा महायुग्म शत पद्मलेश्यावाले कृतयुग्मकृतयुग्म संज्ञिपञ्चेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन सातवां संज्ञिमहायुग्म शत शुक्ललेश्यावाले कृतयुग्मकृतयुग्म संज्ञिपञ्चेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन आठवां संविमहायुग्म शत भवसिद्धिक कृतयुग्मकृतयुग्म संज्ञिपञ्चेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन नववा संज्ञिमहायुग्म शत कृष्णश्यावाले भवसिद्धिक कृतयुग्मकृतयुग्म संज्ञिपञ्चेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭ ६४४-६४९ ६५०-६५३ ६५३ ६५४-६५६ ६५७-६५९ ६६०-६६१ ६६२-६६५ ६६६-६६८ ६६९-६७१ ६७१-६७२
SR No.006331
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 17 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1972
Total Pages803
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size45 MB
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