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________________ ૭. ७९ ८१ ८२ ८३ ८४ ८५ ८६ १० कृतयुग्म कृतयुग्म द्वीन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का निरूपण २ से ग्यारह पर्यन्त के उद्देशक प्रथमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म द्वीन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का निरूपण २ से ४ द्वीन्द्रिय महायुग्म शतक कृष्णलेश्यावाले कृतयुग्म कृतयुग्म द्वीन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन ५ से १२ पर्यन्त के द्वीन्द्रिय महायुग्म शतकों का कथन भवसिद्धिक कृतयुग्म कृतयुग्म हीन्द्रिय जीवों के एवं अभवसिद्धिक कृतयुग्म कृतयुग्म द्वीन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन अडतीसवां शतक कृरुयुग्मकृतयुग्म चतुरिन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन उन्चालीसवां शतक कृतयुग्मक युग्म असंज़िन्द्र શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭ usarai त्रीन्द्रिय शतक कृतयुग्मकृतयुग्म त्रीन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन ६१३-६१५ जीवों के उत्पत्ति वा कथन चालीसवां शतक प्रथम उद्देशक कृतयुग्मकृतयुग्म संविपञ्चेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का कथन दुसरा उक्रेमक प्रथमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म संज्ञिपञ्चेन्द्रिय ५९१-५९७ जीवों के उन्नत्ति का कथन ५९८-६०३ ६०४-६०६ ६०७-६१२ ६१६-६१८ ६१९-६२१ ६२२-६३९ ६४०-६४३
SR No.006331
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 17 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1972
Total Pages803
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size45 MB
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