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________________ ६७ ૬૮ ६९ ७० ७१ ७२ ७३ ७४ ७५ ७६ ७७ 3 प्रथमअचरमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीव के उत्पत्ति का निरूपण चरमचरम, एवं चरम अचरमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीव के उत्पत्ति का निरूपण दुसरा एकेन्द्रियमहायुग्मशत कृष्णलेश्यावाले कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का निरूपण araमय कृष्णश्यावाले कृतयुग्म कृतयुग्म जीवों के उत्पत्ति का निरूपण तीसरा एकेन्द्रिय महायुग्म शतक नीललेश्यायुक्त कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का निरूपण चतुर्थ एकेन्द्रिय महायुग्म शतक कापोतश्यायुक्त कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का निरूपण ५ से १२ पर्यन्त के एकेन्द्रिय शतक भवसिद्धिक कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का निरूपण कृष्णलेश्यावाले भवसिद्धिक कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीवों की उत्पत्ति का निरूपण नीलेश्य भवसिद्धिक कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीवों की उत्पत्ति का निरूपण कापोतले यावाले भनसिद्धिक कृतयुग्म कृतयुग्म केन्द्रियों की उत्पत्ति का निरूपण अवसिद्धिवाले के चार शतकों का कथन छत्तीसवें शतक में प्रथम द्वीन्द्रिय महायुग्म शतक के प्रथम उद्देशक શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭ ५६४-५६५ ५६६-५६९ ५७०-५७४ ५७५-५७८ ५७९-५८० ५८१ ५८२ - ५८५ ५८६ ५८७ ५८८-५८९ ५९०
SR No.006331
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 17 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1972
Total Pages803
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size45 MB
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