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________________ ५५ १६ ६० छट्ठा एकेन्द्रिय शतक कृष्णलेइयायुक्त अवसिद्धिक एकेन्द्रिय जीवों के भेदों का कथन ४८२-४८९ सातवें से १२ वें पर्यन्त के एकेन्द्रिय शतक नीलादि लेश्यायुक्त मासिद्धिक एकेन्द्रियों के उद्देशात्मक शतक से निरूपण १९०-४९१ पैंतीसवां शतक का प्रथम उद्देशक राशि के क्रम से महायुग्मों का निरूपण ४९६-५११ कृतयुग्म, कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीव के उत्पत्ति आदि का निरूपण ५१२-५२८ अवशिष्ट पन्द्रह भेद कृतयुग्म योज आदि के उत्पत्ति आदि का निरूपण ५२९-५४३ दूसरा उद्देशक प्रथमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का निरूपण ५४४-५४९ तीसरे उद्देशक से ११ पर्यन्त के उद्देशकों का कथन अप्रथम समयादि कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रियों के उत्पत्ति आदि का कथन ५५०-५५४ चरमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रियों के उत्पत्ति का निरूपण ५५५-५५७ अचरमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रियों के उत्पत्ति का निरूपण ५५८ प्रथमसमय प्रथमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय के उत्पत्ति का निरूपण ५५९-५६० प्रथमअपथमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय के उत्पत्ति का निरूपण ___५६१-५६२ प्रथमचरमसमय कृतयुग्म कृतयुग्म एकेन्द्रिय जीवों के उत्पत्ति का निरूपण ६१ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭
SR No.006331
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 17 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1972
Total Pages803
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size45 MB
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