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१२
१४७-१४९
१५०-१५४
१५५-१७६
१७७-१८८
१८९-१९४
तीसरा उद्देशक परंपरोपपन्नक नैरयिकों के क्रियावादी
आदि होने का कथन चौथे उद्देशक से ग्यारहवें पर्यन्त के उद्देशक उद्देशकों के परिपाटि का कथन
इकतीसवें शतक का प्रथम उद्देशक चार प्रकार के युग्मो का कथन
दूसरा उद्देशक कृष्णलेश्यावाले क्षुल्लक कृतयुग्म नैरयिक
आदि के उत्पाद का कथन तीसरा उद्देशक नीललेश्यावाले क्षुल्लक कृतयुग्म नैरयिक
__ आदिकों के उत्पात आदि का कथन
चतुर्थ उद्देशक कापोतलेश्यावाले क्षुल्लक कृतयुग्म नैरयिकों के
उत्यात आदि का कथन पांचवां उद्देशक भवसिद्धिक क्षुल्लक कृतयुग्म नैरयिकों
के उत्पात आदि का कथन छट्ठा उद्देशक कृष्णलेश्यावाले भवसिद्धिक क्षुल्लक कृतयुग्म
नैरयिकों के उत्पात आदि का कथन
सातवां उद्देशक नीलले श्यावाले भवसिद्धिक क्षुल्लक कृतयुग्म
नैरयिकों के उत्पात आदि का कथन
आठवां उद्देशक कापोतलेश्यावाले भवसिद्धिक चार उद्देशेका कथन
१९५-२०२
१८
२०३-२१०
२११-२१४
२०
२१५
२१
२१६-२१७
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭.