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नववे से बारहवें पर्यन्त के उद्देशकों का कथन अभवसिद्धिक नैरपिकों के एवं कृष्णादि लेश्या
युक्त नैरयिकों के उपपात आदि का कथन तेरहवें से सोलहवें पर्यन्त के उद्देशकों का कथन कृष्णादि लेश्यायुक्त सम्यग्दृष्टि नारकों के
चार उदेशकों द्वारा उत्पत्ति आदि का कथन सत्तर से बीसवें पर्यन्तके उद्देशकों का कथन कृष्णादि चार लेश्यायुक्त मिथ्यादृष्टि
नारकों के चार उदेशकों द्वारा कथन १९ से २४ पर्यन्तके चार उद्देशक का कथन कृष्णादि लेश्यायुक्त कृष्णपाक्षिक नैरयिकों के उत्पत्ति आदि का चार उद्देशक द्वारा कथन २५ से २८ पर्यन्त के चार उद्देशकों का कथन कृष्णादि चार लेश्यायुक्त शुक्लपाक्षिक क्षुल्लक कृतयुग्म नैरयिकों का चार उद्देशक से कथन बत्तीसवां शतक का प्रथम उद्देशक नारकादि जीवों की उद्वर्त्तना का निरूपण दूसरे उद्देशक से २८ पर्यन्त के उद्देशक का कथन कृष्णलेश्यावाले कृतयुग्म नैरयिक आदि के उद्देशकों के निर्देशपूर्वक कथन
तेतीस शतक का प्रथम उद्देशक एकेन्द्रिय जीवों का निरूपण दूसरा उद्देशक
अनन्तरोपपन्नक एकेन्द्रिय जीवों का निरूपण
तीसरा उद्देशक प्रथम अवान्तर शतक
परंपरोपपत्रक एकेन्द्रिय से अचरम पर्यन्त के एकेन्द्रियों का निरूपण
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭
२१८-२१९
२२०-२२२
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२२५-२२७
२२८-२३५
२३६-२३८
२३९-२५५
२५६-२६५
२६६-२७५