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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०२५ उ.७ सू०९ प्रायश्चित्तवकारनिरूपणम् ४३१ बाह्यतपः 'से कि त ओमोदरिया' अथ का सा अवमोदरिका अवमोदरिकाख्यं तपः कति विधमिति प्रश्नः । उत्तरमाह-'ओमोदरिया दुविहा पन्नत्ता' अवमोदरिका द्विविधा प्रज्ञप्ता, 'तं जहा' तद्यथा-'दब्योमोयरिया य मावोमोयरिया य' द्रव्यावमोदरिका-द्रव्योनोदरिका, भावावमोदरिका-भाव यूनोदरिका च द्रव्योनोदरिका भावोनोदरिका भेदात् ऊनोदरिका द्विविधा भवतीति । ‘से किं तं दबोमोयरिया' अथ का सा द्रव्यावमोदरिकेति प्रश्नः, उत्तरमाह-'दव्योमोयरिया दुविहा पन्नत्ता' द्रव्याचमोदरिका द्विविधा प्रज्ञप्ता, 'उवगरणदबोमोयरिया य' उपकरणद्रव्याव. मोदरिका च 'भत्तपाणदब्बोमोयरिया य' भक्तपानद्रव्यामोदरिका च तथा च उपकरणद्रव्योनोदरिकभक्तपानद्रव्योनोदरिकभेदात् द्रव्योनोदरिकाख्यं तपो भेद जो यावत्कथिक है उसका कथन किया । इस प्रकार से बाह्य तप रूप अनशन तपका पूरा कथन यहां तक समाप्त हुआ है।
'से कि तं ओमोदरिया' हे भदन्त ? अवमोदरिका नाम का तप कितने प्रकार का है ? उत्तर में प्रभुश्री कहते हैं-'ओमोदरिया दुविहा पनत्ता' हे गौतम ! अवमोदरिका तप दो प्रकार का कहा गया है । 'तं जहां' जैसे-'दव्योमोयरिया य भावोमोयरिया य' द्रव्यावमोदरिकाद्रव्योनोदरिका और भावावमोदरिका-भावन्यूनोरिका। द्रव्योनोदरिका आर भावोनोदरिका के भेद से यह नोदरिका दो प्रकार की हो जाती है। 'से किं तं दव्योमोयरिया' हे भदन्त ! द्रव्यावमोदरिका कितने प्रकार की कही गई है ? उत्तर में प्रभुश्री कहते है-'दव्योमोयरिया दुविहा पन्नत्ता' हे गौतम ! द्रव्यावमोदरिका दो प्रकार की कही है'तं जहा जैसे-'उवगरणदव्वोमोयरिया य भत्तपाणव्योमोयरिया य' યાવસ્કથિત છે. તેનું કથન કરેલ છે, આ રીતે બાહ્ય તપ રૂપ અનશન તપનું સંપૂર્ણ કથન અહિયાં સમાપ્ત થયું છે.
____ 'से कि त ओमोदरिया' 3 लापन भारिश नभनु त५ । प्रा२नु छ ? या प्रश्न उत्तरमा प्रभुश्री ४ छ -'ओमोदरिया दुविहा पन्नत्ता' गौतम! अपमा४ि त५ २ ५४२नु छे. 'त' जहा' २॥ प्रमाणे छ-'दव्वोमायरिया भावोमोयरिया' द्र०५ समावि सन मान्यूनाशि म प्रधान थामे प्रारे ४९ . 'से कित दचोमोयरिया' मापन દ્રવ્ય અવમદરિકા કેટલા પ્રકારની કહેલ છે? આ પ્રશ્નના ઉત્તરમાં પ્રભુશ્રી કહે छ -'व्वोमोयरिया दुविहा पन्नत्ता' गौतम ! द्रव्य अपमारिका में प्री२४स छ, 'तजहा' ते मा प्रभार छ-'उवगरण व्वोमोयरिया य भत्तपाण
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૬