________________
४४
चोथा उद्देशा परिमाण के भेदों का निरूपण
७३३-७५३ जीवादि २६ द्वारों के कृतयुग्मादि होने का निरूपण ७५६-७७६ भाव की अपेक्षा से जीवादिको के
कृतयुग्मादि का निरूपण ७४६-७९३ शरीर के प्रकारों का निरूपण
७९४-८०४ परमाणुपुद्गल का संख्येयत्व आदि का निरूपण ८०४-८१५ परमाणुपुद्गल के अल्पबहुत्व का निरूपण ८१५-८५० पुद्गलों का कृतयुग्मादिनने का निरूपण ८५० -८६९ क्षेत्ररूप से पुद्गलों का निरूपण
८६९-८८० पुद्गलों के कृतयुग्मादित्व का निरूपण ८८० - ८९२ पुद्गलों के सम्म-निष्कंपत्व का निरूपण ८९२ - ९०६ सैजनिरेज पुद्गलों के अल्पबहुत्व का निरूपण ९०६ - ९१७ परमाणू आदि के सैजत्वादिक का निरूपण ९१७ -९४९ प्रदेशसे अस्तिकाय का निरूपण
९४९ -९५३
॥ समाप्त ॥
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૫